शामली। ओमपाल सिंह खेतीबाड़ी कर परिवार का पालन पोषण करते हैं। उसने देहरादून की ग्राफिक एरा यूनिवर्सिटी से मार्केटिंग से एमबीए किया। करीब दो साल तक दिल्ली और गुरुग्राम की मल्टीनेशनल कंपनी में नौकरी की। आर्गेनिक खेती के लिए यू ट्यूब् पर वीडियो देखकर प्रेरित हुआ और वर्ष 2016 में नौकरी छोड़कर गांव में ही करीब एक बीघा जमीन में आर्गेनिक गन्ने की खेती करनी शुरू की। दो साल लगातार घाटा होता रहा। मध्य प्रदेश के इंदौर और अन्य स्थानों पर ट्रेनिंग ली। इसके बाद तीस बीघा में गन्ने की आर्गेनिक तरीके से खेती शुरू की और आर्गेनिक गुड़, शक्कर, खांड, शक्कर के रस्सगुल्ले, पेड़े़ आदि बेचने का कार्य शुरू किया। ऑनलाइन प्लेटफार्म पर प्रचार- प्रसार किया गया। अब पिछले तीन साल से शामली के अलावा बागपत, मुजफ्फरनगर, बिजनौर, बुलंदशहर, सहारनपुर, हापुड़, दिल्ली, ग्रेटर नोएडा, हरियाणा के करनाल, रोहतक, पानीपत, हिसार, जयपुर, लखनऊ, सीकर, उत्तराखंड के देहरादून आदि स्थानों पर उत्पादों को ऑनलाइन सप्लाई कर रहे है।
सलाना 16 से लेकर 17 लाख तक की आमदनी प्रोडक्ट बेचकर हो रही है। यही नहीं, 14 अन्य लोगां को भी रोजगार दिया हुआ है। शामली के डीएम और अन्य कृषि संगठनों द्वारा भी अमित को सम्मानित किया जा चुका है। अमित का कहना है कि खेती के साथ-साथ किसानों को प्रोडक्ट बनाकर उनकी बिक्री करनी चाहिए। इससे उनकी आमदनी दोगुनी होगी। यही नहीं, प्रोडक्ट का सोशल मीडिया पर भी प्रचार प्रसार करना चाहिए। गुड की कीमत सिर्फ 150 रुपये किलो, शादियों में भी डिमांड अमित ने बताया कि सोंठ, इलायची, काली मिर्ज, अजवायन आदि से तैयार फ्लेवर्ड गुड़ की मांग अब लगातार शादी और अन्य कार्यक्रमों में भी बढ़ती जा रही है। शादियों में 500 से लेकर 600 किलो गुड़ की सप्लाई मिलती है। 150 रुपये किलो तक गुड़ दिया जा रहा है।