शामली। दूसरे प्रदेशाें के लोग मिलावटी ओर नकली दवाइयां सप्लाई कर रहे हैं। विभागीय अधिकारियों की अभी तक की जांच और छापामारी के दौरान सामने आया है कि शामली में गाजियाबाद, मुजफ्फरनगर, मेरठ, हरियाणा के करनाल, उत्तराखंड के देहरादून, हरिद्वार, रूडकी, हिमाचल प्रदेश के शिमला, मोहाली से नकली और मिलावटी दर्द निवारक, एंटीबायोटिक दवाइयों की सप्लाई की जा रही है। विभागीय अधिकारियों ने 10 वाद दायर कराने के साथ-साथ नौ मेडिकल स्टोरों के लाइसेंस भी निरस्त कराए हैं। विभाग ने नकली दवाई सप्लाई करने वाली रुड़की की कंपनी के एक पदाधिकारी को 10 साल की सजा कराने में अहम भूमिका निभाई है।
ड्रग इंस्पेक्टर निधि पांडेय ने बताया कि करीब डेढ़ साल में जिले में छह बड़े स्तर पर छापेमारी की गई। जिसमें 269 सैंपल दवाइयों के लिए गए थे। जिनमें से नकली और मिलावटी दवाइयां मिलने पर 10 केस सीजेएम कोर्ट में दर्ज कराए गए हैं। इसके अलावा अब तक 4 लाख 80 हजार की दवाइयों को सील किया गया। सबसे अधिक मिलावटी दवाइयां शामली के अलावा झिंझाना, कैराना, थान भवन क्षेत्र की मेडिकल स्टोरों पर बिकती मिली। जिस पर स्टोरों के लाइसेंस कैंसिल किए गए।
अधिकारियों के अनुसार, मिलावटी और नकली दवाइयों को हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड आदि के लोग आधे से भी कम दामों में बेचते हैं। जबकि मरीजों को यह दवाइयां निर्धारित रेट पर ही मिलती है। जांच में सामने आया है कि ज्यादा लाभ के लालच में ये दवाइयां बिक रही है।
हिमाचल प्रदेश के शिमला के नौ , जिनमें प्रोक्लोरपेराजिन, एंटी बायोटिक दवाइयां शामिल हैं।
उत्तराखंड के रुड़की की चार, जिनमें डाइक्लोफेनाक, ऑफलाक्स और एंटी बायोटिक दवाइयां शामिल है।
उत्तराखंड के हरिद्वार की नौ, जिनमें डिक्लोफेनक दर्द निवारक दवा शामिल है।
मेरठ की एक जिसमें सुफरोकिसम एंटी बायोटिक।
मुजफ्फरनगर से एक डॉक्सीसाइक्लिन जो दर्द की दवाई है।
हरियाणा के करनाल की एक एंटीबायोटिक है।
चंडीगढ़ के मोहाली की एक जिसमें ओफ्लोक्सासिन शामिल है।
गाजियाबाद ओर देहरादून की एक , जिसमें सिप्रोफ्लोक्सासिन एंटी बायोटिक दवाई शामिल है।
रूडकी की एक, एमोक्सीसिलिन एंटीबायाेटिक दवाई नकली पाई गई है।
उम्र कैद तक की हो सकती है सजा
ड्रग इंस्पेक्टर निधि पांडेय का कहना है कि यदि दवा की गुणवत्ता मानकों के अनुरूप नहीं है तो दोषी पर 3 से लेकर 5 साल तक की सजा और नकली दवाएं पाए जाने पर उम्रकैद तक की सजा का प्रावधान है।