शामली। कस्बा झिंझाना में ऊन मार्ग पर ओवरलोड गन्ने के ट्रक के पलटने से गांव लपराना निवासी जोनी के पुत्र अजय, पुत्री काजल और मां विद्या देवी की मौत हो गई थी जबकि जोनी की पत्नी संगीता व पड़ोस की छात्रा पायल गंभीर रूप से घायल हुई थी। रविवार को दोपहर में तीनों शवों का पोस्टमार्टम हुआ। पोस्टमार्टम हाउस बनत पर ग्रामीण व परिजनों ने मुआवजा राशि, मिल में सरकारी नौकरी और पट्टे की मांग पूरी होने के बाद ही अंतिम संस्कार करने की चेतावनी दी।
इस सूचना पर एसडीएम ऊन संदीप त्रिपाठी व झिंझाना थाना प्रभारी पहुंचे। वहां पर परिजनों से वार्ता की गई, लेकिन वे अपनी मांग पर अड़े रहे। करीब चार बजे पोस्टमार्टम के बाद परिजन तीनों शव लेकर गांव लपराना पहुंचे। वहां भी परिजनाें ने मांग पूरी होने तक अंतिम संस्कार करने से इंकार कर दिया।
मौके पर पहुंचे झिंझाना नगर पंचायत अध्यक्ष सुरेश पाल कश्यप, भाजपा के क्षेत्रीय उपाध्यक्ष रमेश गौड़ कश्यप तथा दिल्ली गोकलपुर के पूर्व विधायक रंजीत कश्यप भी पहुंचे। उन्होंने एसडीम ऊन संदीप कुमार त्रिपाठी व सीओ अमरदीप कुमार मौर्य से मृतक के परिजनों को मुआवजे की राशि लिखित में या नगद देने, मृतक के परिजनों के परिवार से एक व्यक्ति की सरकारी नौकरी दिलाई जाने की मांग की। परिजनों ने आरोप लगाया कि प्रशासन ने मौके से ट्रक भी हटवा दिया और गन्नों को भी रातों रात साफ करा दिया। परिजनों ने थाना प्रभारी निरीक्षक सुदेश कुमार पर भी अभद्रता करने का आरोप लगाया।
सुरेश पाल कश्यप ने कहा कि जिनके घर में तीन सदस्याें की मौत हो गई हो, उन्हीं के परिवार के लोगों को प्रताड़ित करना अशोभनीय कार्य है। सीओ अमरदीप मौर्य ने परिजनों को समझाते हुए कहा कि ट्रक चालक के खिलाफ दुर्घटना का मामला गैर इरादतन हत्या 304 में लिखवाया गया है। एसडीएम ऊन ने बताया कि पांच लाख रुपये किसान दुर्घटना बीमा, छह लाख रुपये गन्ना मिल से मुआवजे के तौर पर मृतक के परिजनों को दिलाई जाने का आश्वासन दिया, लेकिन इस पर परिजन संतुष्ट नहीं हुए। वे मुआवजे की राशि 50 लाख रुपये और एक व्यक्ति की सरकारी नौकरी पर परिजन अड़े रहे।
बाद में प्रधान नौशाद कुरैशी ने अपनी तरफ से छह लाख का चेक देकर परिजनों को भरोसा दिलाया। परिजनों ने कहा कि जब शुगर मिल की तरफ से उन्हें छह लाख रुपये की धनराशि मिल जाएगी तो वे प्रधान के चेक को वापस कर देंगे। एसडीएम ने परिवार के एक सदस्य को शुगर मिल में नौकरी दिलाने का आश्वासन दिया। इसके बाद परिजन संतुष्ट हुए। इसके बाद गममगीन माहौल में तीनों शव का श्मशान घाट पर अंतिम संस्कार किया गया।
उधर, ऊन सीएचसी पर शनिवार देर रात को परिजन मुआवजा व अन्य मांगों को लेकर पोस्टमार्टम कराने से इंकार कर धरने पर बैठ गए थे। रात करीब एक बजे एसडीएम ऊन ने पांच लाख रुपये की सहायता राशि दिलाने का लिखित में दिए जाने के बाद परिजन शवों का पोस्टमार्टम के लिए मान गए थे।
गांव लपराना में पोस्टमार्टम के बाद जैसे ही भाई-बहन और उनकी दादी के शव पहुंचे तो परिजनों में कोहराम मच गया। घर से एक साथ तीन अर्थी उठी तो लोेगाें का कलेजा मुंह को आ गया। वहां मौजूद लोगाें की आंखें नम हो गई। मृतकों के आवास पर लोगों की भीड़ लगी रही। परिजनों को रो-रोकर बुरा हाल बना रहा। लोग उन्हें ढांढस बंधाने में लगे रहे। एक परिवार के तीन सदस्यों की मौत होने से गांव में शोक छाया रहा।
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