शामली। बुटराडा में दिल्ली-देहरादून इकोनॉमिक कॉरिडोर के लिए अधिग्रहित भूमि पर कब्जा लेने पहुंचे कार्यदायी संस्था के ठेकेदार व कर्मियों को एक बार फिर से किसानों ने भगा दिया। इतना ही नहीं भूमि को समतल करने वाली मशीन के आगे बैठकर जमीन का कब्जा लेकर का पुरजोर विरोध भी किया। बाद में ठेकेदार और कर्मचारी वापस लौट गए।
बुधवार की सांय 5.30 बजे दिल्ली-देहरादून इकोनॉमिक कॉरिडोर भूमि अधिग्रहण को लेकर भूमि पर कब्जा लेने के बुटराडा पहुंचे कर्मियों को एक बार फिर किसानों का विरोध का सामना करना पड़ा। किसानों का कहना है कि एक प्रोजेक्ट एक मुआवजा के हिसाब से मुआवजे की धनराशि का वितरण होना चाहिए। जब तक इसका समाधान नहीं होगा, भूमि पर कब्जा लेने नहीं दिया जाएगा। विरोध करने वालों में वीरपाल आर्य, वीरपाल आर्य, प्रमोद बंतीखेड़ा, मुकेश, श्यामपाल, महावीर सिंह, इंद्रपाल सिंह, कृष्णपाल,मनोज कुमार, राजेंद्र सिंह आदि शामिल रहे। उधर किसानों के दूसरे गुट ने एक बार फिर बुटराडा करौदा स्टैंड के पास धरना शुरू कर दिया है।
उधर, भारतीय किसान यूनियन का अनिश्चिकालीन धरना समाप्त होते ही बुधवार को डीएम जसजीत कौर व एडीएम संतोष कुमार सिंह एनएचएआई के अफसरों के साथ भ्रमण पर निकल पडी। इस दौरान डीएम ने दिल्ली देहरादूर इकोनोमिक कोरिडोर शामली में निर्माणाधीन बाईपास मार्ग आदि का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान डीएम ने कहा कि अब कोरिडोर निर्माण में किसी तरह की कोई अडचने नही है। किसानों की जो भी मांगे थी उन मांगों को पूरा करने के लिए टीम गठित कर दी गई है। शीघ्र ही उनकी समस्याओं का समाधान होने के साथ मुआवजे की धनराशि भी वितरित कर दी जायेगी। उन्होने दावा किया कि अब कोरिडोर व हाईवे के निर्माण में शीघ्र की तेजी देखने को मिलेगी।