शामली| शामली जनपद के चौसाना में बाढ़ प्रभावित लक्ष्मीपुरा में शनिवार की रात्रि से फिर से यमुना का जलस्तर बढ़ने के कारण बाढ़ का खतरा व्याप्त हो गया है। ग्रामीणों का आरोप है कि जनप्रतिनिधियों के निरीक्षण के बाद से ड्रेनेज एवं राजस्व विभाग के अधिकारी अपना बोरिया बिस्तर बांध कर यहां से चले गए। ड्रेनेज के संसाधन भी अस्त-व्यस्त अवस्था में ठोकर संख्या एक पर पड़े हैं। वहीं दूसरी ओर विभाग द्वारा यमुना नदी में प्रवाहित किए गए खटोले भी क्षत-विक्षत स्थिति में हैं ।ग्रामीणों में प्रशासन के प्रति रोष व्याप्त है।

चौसाना के गांव लक्ष्मीपुरा में बीते 5 जुलाई से 15 जुलाई के मध्य ठोकर संख्या एक के कटान सहित किसानों के खेत के कटान के बाद बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए थे। विपक्ष के नेताओं के निरीक्षण के साथ विवादों में रहे सत्ताधारी दल के नेता भी मौके पर निरीक्षण के लिए पहुंचे थे। जहां राहत चौपाल का आयोजन कर लोगों को राहत सामग्री का वितरण भी किया गया था।

आरोप है कि ड्रेनेज विभाग के अधिकारी अपना बोरिया बिस्तर बांध कर वहां से फरार हो गए और लोगों को बाढ़ ग्रस्त ग्रामीणों को राम भरोसे छोड़ गए। मौके पर ड्रेनेज के संसाधन अस्त-व्यस्त स्थिति में पड़े हैं।

वहीं दूसरी ओर शनिवार को हथिनी कुंड बैराज से छोड़े गए करीब ढाई लाख क्यूसेक पानी के बाद यमुना का जलस्तर बढ़ गया और ठोकर के करीब पहुंच गया ।जिसके बाद गांव में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए। घबराए ग्रामीणों ने प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगा है। ग्रामीणों का कहना है कि जनप्रतिनिधियों के कार्यक्रम के बाद सभी अधिकारी यहां से चले गए थे।