शामली, थानाभवन। रसीदगढ़ के मामले में पुलिस ने गंभीरता नहीं दिखाई। घायल का उपचार कराने और आरोपियों पर कार्रवाई करने की बजाय पुलिस ने समझौता कराने को तरजीह दी। इस लापरवाही पर एसपी ने हल्का इंचार्ज को लाइन हाजिर कर दिया।
मृतक अशोक के पुत्र हंसराज के मुताबिक घटना के तुरंत बाद परिजनों के साथ घायल पिता को लेकर 112 नंबर पर कॉल करके थाना पुलिस को सूचना दी थी। जिस पर पुलिस गांव पहुंची और उन्हें थाने ले गई। इसके कुछ देर बाद ही आरोपी पक्ष के लोग भी थाने पहुंच गए। पुलिस उसके पिता का उपचार कराने और आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करने की बजाय समझौता करने का दबाव बनाने लगी। जब तक समझौता नहीं हुआ, उसके पिता को थाने में ही रखा। समझौता होने के बाद पिता का उपचार निजी चिकित्सक से कराया।
निजी चिकित्सक ने प्राथमिक उपचार के बाद उसके पिता को घर भेज दिया। देर रात तीन बजे उसके पिता की तबियत बिगड़ गई। सुबह करीब पांच बजे मांगेराम, हंसराज, दर्शन आदि परिजन अशोक को लेकर थाने पहुंचे। इसके बाद भी पुलिस ने उपचार दिलाने में तत्परता नहीं दिखाई। करीब 7:45 बजे उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भेजा गया। जहां से गंभीर हालत के चलते मुजफ्फरनगर रेफर कर दिया गया। रास्ते में ही उसके पिता की ने दम तोड़ दिया।
हंसराज ने रोते हुए बताया कि मां की मृत्यु पहले ही हो चुकी है। हम पांच भाई और एक बहन हैं। दो भाई और एक बहन शादीशुदा हैं। अचानक पिता का साया सिर से उठने से उनके परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। पुलिस गंभीरता दिखाती और उसके पिता का समय से उपचार कराती तो उसके उनकी जान बच सकती थी।
शव लेकर एंबुलेंस सीएचसी थानाभवन पहुंची तो भीम आर्मी के अनुज भारती व परिजनों के साथ ग्रामीण एकत्र हो गए। उन्होंने आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग करते हुए जमकर हंगामा किया। मौके पर पहुंचे थाना प्रभारी निरीक्षक अजयवीर सिंह के आरोपियों को जल्द गिरफ्तारी के आश्वासन व समझाने बुझाने पर परिजनों ने शव पोस्टमार्टम के लिए ले जाने दिया। घटना की सूचना पर एसपी अभिषेक झा, एएसपी ओमप्रकाश सिंह व सीओ अमरदीप मौर्य ने गांव में पहुंचकर पीड़ित परिवार से मिलकर घटना की जानकारी ली। उन्होंने थाना पुलिस को आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए। पीड़ित परिवार की तहरीर पर एससी-एसटी एक्ट व संबंधित धाराओं में रिपोर्ट दर्ज की गई है।