शामली। नकली नोटों के बाद अब कुछ लोगों ने सोशल मीडिया पर लोगों को फंसाकर हथियारों की होम डिलीवरी करनी शुरू कर दी है। सोशल मीडिया फेसबुक, व्हाट्सएप और इंस्टाग्राम ग्रुपों में हथियारों की वीडियो को डालकर 15 से लेकर 20 हजार में होम डिलीवरी का दावा गिरोह के सदस्य कर रहे हैं। संवाददाता ने गिरोह के सदस्यों की पड़ताल की तो उन्होंने कहा कि पुलिस की कोई दिक्कत नहीं है। दूसरे दिन ही हथियार घर पर पहुंचा दिया जाएगा। पड़ताल के दौरान खुद को हथियार विक्रेता बताने वालों से कुछ इस तरह से बातचीत हुई।
संवाददाता : भाई हथियार चाहिए, मिलेंगे क्या ?
विक्रेता : कहां से हो, कितने हथियार चाहिए।
संवाददाता: मैं दिल्ली से हूं। पहले रेट बताओ
विक्रेता : मैं भी दिल्ली से हूं, 15 हजार में बढिया पिस्टल दिला दी जाएगी।
संवाददाता: कैसे मिलेगी, पुलिस की कोई दिक्कत तो नहीं
विक्रेता : नहीं, कोई दिक्कत नहीं।
संवाददाता : भाई कम कर लो रुपये
विक्रेता: 14 हजार दे देना, घर पर ही दूसरे दिन होम डिलीवरी करा दूंगा।
संवाददाता : ओके आपको बताता हूं।
दूसरा विक्रेता…
संवाददाता : भाई हथियार चाहिए ?
विक्रेता : ऑडियो कॉल करता हूं। ऑडियो कॉल कर बताता है कि हथियारों की तस्करी करता हूं। 10 से 12 हजार में बढिया हथियार दिला दूंगा।
संवाददाता : कुछ कम लो
विक्रेता : माल बढिया मिलेगा, भाई टेंशन न ले।
इसके बाद विक्रेता वीडियो कॉल कर एक बेड पर पड़ी 15 पिस्तौल और तमंचे दिखाता है।
संवाददाता : कोई दिक्क्त तो नहीं होगी।
विक्रेता : मैं हूं ना
संवाददाता : बताता हूं आपको।
सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर नकली नोटों की होम डिलीवरी करने के मामले में पुलिस कई दिन बीतने के बाद भी आरोपियों को नहीं पकड़ सकी है। हालांकि, शामली क्राइम ब्रांच ओर एसटीएफ मेरठ मामले की जांच में जुटी हैं।
साइबर एक्सपर्ट विकास कुमार का कहना है कि नकली नोट और हथियारों की होम डिलीवरी का दावा करने वाले लोग साइबर ठग भी हो सकते हैं। लोगाें को ऐसे लोगों के बहकावे में नहीं आना चाहिए। पुलिस से भी मामले की शिकायत करनी चाहिए।
सोशल मीडिया पर हथियारों की तस्करी करने का दावा करने वाले लोगों की जांच क्राइम ब्रांच से शुरू करा दी है। गिरोह के सदस्य साइबर ठग भी हो सकते हैं। जांच के बाद ही कुछ कहा जा सकेगा। जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।