शामली. मामौर झील ने एक बार फिर कहर बरपाया है। झील का तटबंध टूटने से सैकड़ों बीघा फसल जलमग्न हो गई। इससे किसानों को काफी नुकसान हुआ है। किसान स्वयं ही झील का तटबंध दुरुस्त करने में जुटे हुए हैं।
मामौर झील के निकट खेती कर रहे किसानों की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। किसानों को आए दिन झील के पानी से होने वाले नुकसान का दंश झेलना पड़ रहा है। मंगलवार तड़के पानी के दबाव बढ़ने पर झील का तटबंध टूट गया। इससे आसपास के खेतों में तेजी से पानी घुसना शुरू हो गया। सैकड़ों बीघा धान व ईख की फसल को झील के पानी ने चपेट में ले लिया। सुबह किसान जब अपने खेतों में पहुंचे तो झील का तटबंध टूटने की जानकारी हुई। किसानों ने झील का तटबंध टूटने की जानकारी देने के लिए हलका लेखपाल को फोन किया, लेकिन उसने काल रिसीव नहीं की। इसके बाद किसान खुद ही झील का तटबंध दुरुस्त करने में जुट गए।
मामौर निवासी किसान विनोद का कहना है कि करीब 500 बीघा भूमि में झील का पानी घुस गया है। इसमें सैकड़ों बीघा धान व ईख की फसल है, जबकि शेष भूमि पर तूड़ा बनाने के लिए छोड़े गए गेहूं के अवशेष हैं। पानी घुसने से किसानों को काफी नुकसान हुआ है।
उधर, एसडीएम संदीप कुमार का कहना है कि झील के ओवरफ्लो होने का मामला उनके संज्ञान में नहीं है। हलका लेखपाल को मौके पर भेजकर स्थिति को दिखवाया जाएगा। हाईटेंशन लाइन की चपेट में आए युवक की हालत गंभीर.
कस्बे के सलेमपुर रोड पर बिजली की हाईटेंशन लाइन की चपेट में आए युवक की हालत गंभीर बनी हुई हैं। उसे मेरठ से दिल्ली के लिए रेफर किया गया है।
कस्बे के सलेमपुर रोड पर कई मकानों के ऊपर से विद्युत की हाईटेंशन लाइन गुजर रही है। मोहल्ले के लोग कई बार विद्युत विभाग के अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों से उक्त लाइन को हटवाए जाने की मांग कर चुके हैं। आरोप है कि शिकायत के बाद भी किसी ने ध्यान नहीं दिया है। सोमवार शाम को अनीस का पुत्र बिलाल मकान की छत पर विद्युत लाइन की चपेट में आ गया था। स्वजन ने उसे कस्बे के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया था, जहां से उसे मेरठ के लिए रेफर कर दिया गया था। स्वजन के अनुसार मेरठ से चिकित्सकों ने बिलाल को दिल्ली के लिए रेफर कर दिया है। युवक की हालत गंभीर बनी हुई है। मोहल्लावासियों ने विद्युत विभाग के अधिकारियों से लाइन को बदलवाने की मांग की है। जेई संदीप कुमार का कहना है कि अधिकारियों को मामले से अवगत करा दिया गया है।