शामली। घर से जाकर आर्य समाज मंदिर में शादी करने वाली मुस्कराना अब मानवी बन गई है। उसने कोर्ट में प्रेमी को पति बता उसके साथ रहने की इच्छा जताई जिस पर कोर्ट ने दोनों को साथ रहने की अनुमति दे दी है। झिंझाना थानाक्षेत्र के एक गांव निवासी व्यक्ति ने 27 जून को शहर कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि उसकी 17 वर्षीय पुत्री शामली के एक मोहल्ला में रिश्तेदारी में 15 दिन से रह रही थी। पीड़ित का आरोप था कि गांव का रवि व श्रवण उसकी पुत्री को बहला फुसलाकर ले गए। अगले दिन युवक व युवती ने शहर कोतवाली पहुंचकर पुलिस को बताया था कि वे दोनों बालिग है और उन्होंने आर्य समाज मंदिर दिल्ली में शादी कर ली।

युवती ने बताया कि उसने मुस्लिम नाम मुस्कराना से बदलकर मानवी रख लिया है। इसका पता चलने पर गांव में दोनों पक्षों के लोगों की पंचायत हुई, जिसमें दोनों को समझाकर शादी न करने के लिए समझाने की बात तय हुई। दोनों पक्षों के लोगों ने कोतवाली पहुंचकर युवक व युवती को समझाने की कोशिश की थी, लेकिन दोनाें साथ रहने की जिद पर अड़े रहे।

पुलिस ने युवती का मेडिकल कराने के बाद न्यायालय में बयान दर्ज कराने के लिए पेश किया। कोतवाली पुलिस के मुताबिक न्यायालय में युवती ने युवक रवि के साथ रहने की इच्छा जताई। न्यायालय ने दोनों को साथ रहने की अनुमति दे दी। इसके बाद पुलिस ने दोनों को उनकी इच्छा पर साथ भेज दिया। बताया गया है कि प्रेमी युगल अपने गांव में न जाकर कहीं अन्य स्थान पर रहने के लिए चले गए।