शामली। नाजिम उर्फ आशु की हत्या सोची समझी साजिश के तहत की गई। पैसे के तकादे से तंग आकर मारुफ ने वीभत्स तरीके से नाजिम की हत्या को अंजाम दिया। पहचान मिटाने के लिए नाजिम के चेहरे पर ईंट से इतने वार किए कि उसकी दाईं आंख भी फूट गई।

नाजिम ने बीकॉम तक पढ़ाई की थी। वह गांव में कमेटी डालने का काम करता था। जिसमें मारुफ भी हिस्सेदार बनता था। नाजिम के पैसे मारुफ पर उधार हो गए थे। वह लगातार पैसों का तकादा कर रहा था। जिससे परेशान होकर मारुफ ने उसकी हत्या की साजिश रची। परिजनों का नाजिम से जब 23 दिसंबर की सुबह से संपर्क नहीं हुआ तो उनके शक की सुई मारुफ की ओर घूमी। परिजनों के शक पर पुलिस ने मारुफ से पूछताछ के बाद उसकी निशानदेही पर रविवार की देर रात ही शव फूसगढ़ के जंगल से बरामद कर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। जिस तरह नाजिम की हत्या की गई और शव की हालत देखकर हर कोई सिहर उठा। चेहरे पर ईंट से कई वार किए गए थे। भाई शाहबान ने रोते हुए बताया कि नाजिम की हत्या करने में आरोपियों ने निर्दयता की सारी हद पार कर दीं। नाजिम की हत्या के बाद से सभी परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल था। उसकी हत्या से गांव में भी शोक छा गया।

नाजिम के पिता इलियास फेरी लगाकर गांवों में टॉफी-बिस्कुट आदि बेचते हैं। उनकी छह बेटी हैं और तीन बेटे थे। परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर है। नाजिम बेटों में सबसे बड़ा था। दो बहनों और दो भाइयों की शादी हो चुकी थी। नाजिम की शादी करीब सवा साल पहले हुई थी। दो माह पूर्व ही इसराना ने पुत्री को जन्म दिया। मासूम बच्ची के सिर से पिता का साया उठने से हर किसी की आंख नम हो गई।