शामली जनपद के कांधला में हुई पिता-पुत्र की हत्या के मामले में पुलिस ने आरोपी अर्जुन का चालान कर कोर्ट में पेश किया। जहां से उसे जेल भेज दिया गया। पुलिस का दावा है कि उसके पास से अवैध पिस्टल और मृतक भूपेंद्र की बाइक बरामद हुई है। पुलिस की अभी तक हुई पूछताछ में यह सामने आया है कि सिपाही विक्रांत को यकीन हो गया था कि भूपेंद्र को छोटे भाई की नौकरी के लिए दी रकम अब नहीं मिलेगी। जिसके चलते उसने इस वारदात को अंजाम दिया था।

मेरठ के कंकरखेड़ा की न्यू सैनिक विहार कॉलोनी निवासी भूपेंद्र पुत्र बिजेंद्र और उसके पुत्र अर्जुन की कांधला थाना क्षेत्र के मखमूलपुर गांव में बंधक बनाकर मारपीट करने के बाद गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। दोनों के शव सल्फा गांव के जंगल में पड़े मिले थे। इस मामले में भूपेंद्र की मां सुरेश देवी की तहरीर पर मखमूलपुर निवासी यूपी पुलिस के सिपाही विक्रांत, भाई अर्जुन, पिता विरेंद्र, मां मुद्रेश पत्नी शिवानी और साथी मोनू के खिलाफ हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराई थी।
विलाप करते परिजन।

वारदात के पीछे अर्जुन की नौकरी लगवाने के लिए भूपेंद्र को करीब तीन साल पहले दिए रुपये को लेकर विवाद सामने आया था। इस मामले में आरोपी विरेंद्र को छोड़कर बाकी सभी पुलिस की गिरफ्त में आ गए हैं। शुक्रवार को पूछताछ करने के बाद आरोपी अर्जुन का पुलिस ने चालान कर दिया। जबकि बाकी आरोपियों से पूछताछ अभी जारी है।

आरोपी सिपाही विक्रांत ने अपने भाई अर्जुन की नौकरी लगवाने के लिए जो रुपये भूपेंद्र को दिए थे, वही अर्जुन के जेल जाने का कारण बन गए। न तो रुपये ही मिले और जेल भी जाना पड़ा। नौकरी के लिए कितने रुपये दिए गए यह अभी भी स्पष्ट नहीं हुआ है। भूपेंद्र की मां सुरेश देवी का कहना है कि दो लाख रुपये दिए थे और अब विक्रांत 5.80 लाख मांग रहा था।

वह अपने बेटे के साथ मंगलवार को 50 हजार रुपये लेकर उनके घर पहुंची थी। बाकी रुपये कुछ दिन बाद देने की बात कही थी। लेकिन उसने दोनों को बंधक बना लिया। मारपीट करते हुए अगले दिन उसके पोते अर्जुन को बुला लिया और उसे जाने दिया। बाद में परिजनों के साथ मिलकर दोनों की हत्या कर दी।

इस मामले में आरोपी सिपाही विक्रांत के बारे में ग्रामीणों ने बताया कि वह काफी अरसे से बाहर ही रह रहा था। कभी-कभार ही गांव आता था। ग्रामीणों से ज्यादा मिलता-जुलता नहीं था। वह आईबी के पूर्व निदेशक सैयद आसिफ इब्राहिम की सुरक्षा में तैनात था। बिना बताए ही वह सर्विस पिस्टल के साथ ड्यूटी से गायब था। जिसके चलते उसे निलंबित करते हुए बर्खास्तगी की कार्रवाई भी शुरू कर दी गई है।

अभी तक की पूछताछ में सामने आया है कि वारदात में आरोपी विक्रांत की सर्विस पिस्टल का प्रयोग नहीं किया गया है। बाकी फॉरेंसिक रिपोर्ट आने पर स्पष्ट होगा। विक्रांत को लगने लगा था कि अब उसके रुपये वापस नहीं मिलेंगे। इसी आक्रोश में यह वारदात हुई। अभी जांच जारी है।