शामली. मुकीम गिरोह के प्रतिद्वंद्वी हैदर तीतरों और उसके तीन सगे भाइयों पर हत्या का दोष सिद्ध पाए जाने पर अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुरेंद्र कुमार ने आजीवन कठोर कारावास और 5-5 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड अदा नहीं करने पर एक-एक साल का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।

जिला शासकीय अधिवक्ता संजय चौहान ने बताया कि 23 अप्रैल 2016 की अपराह्न करीब तीन बजे झिंझाना थाना क्षेत्र के गांव बसी चुंधियारी निवासी 27 वर्षीय फैजान की श्यामला श्यामली के जंगल में हत्या कर दी गई थी। मृतक के पिता असमत ने झिंझाना थाने पर आठ हत्यारोपियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी।

पुलिस ने विवेचना के दौरान पांच आरोपियों के नाम मुकदमे से निकालते हुए फाइनल रिपोर्ट लगा दी थी, लेकिन बाद में चारों को कोर्ट में तलब कर लिया था। जिनकी फाइल अलग से चल रही है। पुलिस ने फैजान की हत्या में हैदर तीतरों, उसके भाई वाहिद, फैजल और मोबीन के खिलाफ आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल किए थे।

अभियोजन पक्ष की ओर से मुकदमे की पैरवी जिला शासकीय अधिवक्ता संजय चौहान और सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता सतेंद्र धीरयान ने की। अभियोजन पक्ष की ओर से मुकदमे के दौरान दो चश्मदीद सहित कुल 21 गवाह पेश किए। शुक्रवार को दोनों पक्षों की दलील सुनने व पत्रावलियों का अवलोकन करने के बाद अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुरेंद्र कुमार ने मुजरिम हैदर खान, वाहिद, फैजल व मोबीन निवासी को हत्या का दोषी मानते हुए आजीवन कठोर कारावास व 5-5 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई।

मुकीम गिरोह से रंजिश और गैंगवार की आशंका के चलते शुक्रवार को कोर्ट परिसर छावनी में तब्दील हो गया था। कोर्ट के आसपास पुलिस व पीएसी के जवान तैनात थे। बरेली जेल में बंद हैदर खान को सुरक्षा के मद्देनजर बुलेट प्रूफ जैकेट उपलब्ध करा रखी थी। हैदर का भाई वाहिद को सहारनपुर जेल से कोर्ट में लाया गया था, जबकि दो अन्य भाई फैजल व मोबीन जमानत पर जेल से बाहर आए हुए थे। कोर्ट द्वारा आजीवन कारावास की सजा सुनाने के बाद चारों को कड़ी सुरक्षा में जेल भेज दिया गया।