शामली। निलंबित सहायक अध्यापिका ने बीएसए राहुल मिश्रा व ऊन के खंड शिक्षा अधिकारी पर नौकरी का डर दिखाकर उत्पीड़न करने समेत कई गंभीर आरोप लगाए। अध्यापिका ने कहा कि अधिकारियों से परेशान होकर उसे शिकायत करनी पड़ी।

सहायक अध्यापिका रीना देवी ने बताया कि वह 2018 से ऊन ब्लाक के गांव पधान नगर के प्राथमिक विद्यालय में 2018 से नियुक्त है। आदर्श मंडी थाने पहुंची अध्यापिका ने आरोप लगाया कि खंड शिक्षा अधिकारी विश्वास कुमार दबाव बनाने के लिए उसे परेशान करते थे। उसकी ड्यूटी बीएलओ में लगी होने के बाद भी उसे जानबूझकर अनुपस्थित दिखाया गया। अध्यापिका ने आरोप लगाया कि खंड शिक्षा अधिकारी विद्यालय के रजिस्टर अपने साथ ले गए और उनके साथ अभद्रता की। बाद में सिर्फ उपस्थिति रजिस्टर उन्हें दिया गया। उसने चौसाना पुलिस चौकी पर 29 सितंबर को रजिस्टर चोरी करने की शिकायत की थी, लेकिन न अधिकारियों ने सुनी और न ही पुलिस ने कार्रवाई की।

इसके बाद वित्तीय अनियमितता का आरोप लगाते हुए उसे निलंबित कर दिया। अब बहाल करने के नाम पर बीएसए कार्यालय का लिपिक परिश्रम सैनी उससे एक लाख रुपये की रिश्वत मांग रहा था। अध्यापिका ने बीएसए पर भी गंभीर आरोप लगाए। अध्यापिका का आरोप है कि लिपिक ने रुपये देने की बात करने के लिए उसे सहारनपुर में अपने आवास पर बुलाया था। चार दिन पहले रविवार को वह लिपिक के आवास पर गई थी। वहां लिपिक ने उससे कहा था कि बीएसए ने कहा है कि एक लाख रुपये देने पर ही उन्हें बहाल किया जाएगा। उसने लिपिक से रुपये देने के लिए चार दिन का समय मांगा था। इसके बाद उसने भ्रष्टाचार निवारण संगठन थाना सहारनपुर में इस मामले की शिकायत की थी। टीम ने रुपयों पर पहले ही केमिकल लगा दिया था। जो उसने लिपिक को थमा दिए थे। टीम में सहारनपुर थाने के साथ मेरठ थाने का स्टाफ भी शामिल रहा।

उधर, बीएसए राहुल मिश्रा ने अध्यापिका रीना द्वारा लगाए गए सभी आरोपों को निराधार बताया। बीएसए ने बताया कि अध्यापिका पर करीब सवा लाख रुपये की वित्तीय अनियमितता, साथी शिक्षकों से अभद्रता और विद्यालय से अनुपस्थित रहने आदि की शिकायतें मिलीं थी। जांच समिति ने शिकायतों को सही पाया था। जांच समिति की रिपोर्ट के आधार पर 21 नवंबर 2011 को सहायक अध्यापिका को निलंबित किया था। लिपिक द्वारा रिश्वत मांगने के संबंध में अध्यापिका ने उन्हें कोई जानकारी नहीं दी और न ही कोई शिकायत की।

शामली। एक लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़े गए लिपिक परिश्रम सैनी की नियुक्ति सहारनपुर के बीएसए कार्यालय में है। लिपिकों की कमी के चलते परिश्रम सैनी को चार माह पहले 16 सितंबर को बीएसए कार्यालय शामली से संबद्ध किया गया था।

शामली। सहायक अध्यापिका रीना का कहना है कि लिपिक परिश्रम ने उससे कहा था कि उसे दो-दो हजार रुपये के नोट देना ताकि उन्हें रखने में आसानी होगी। उसने बैंक से अपने खाते से एक लाख रुपये निकलवाए थे। बैंक से उसे 500-500 रुपये के नोट की दो गड्डी मिली थीं।

शामली। बीएसए कार्यालय का लिपिक एक लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए पकड़े जाने का पहला मामला नहीं हैं। जिले में भ्रष्टाचार की जड़ें पुरानी हैं। यहां पर पहले भी कई मामलों में अधिकारी व कर्मचारी रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़े जा चुके हैं।

करीब दो साल पहले नवंबर 2020 में शामली के कैराना ब्लाक में तैनात खंड शिक्षा अधिकारी राजलक्ष्मी पांडेय को यूपी सतर्कता अधिष्ठान मेरठ की टीम ने 50 हजार रुपये की रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया था। यह कार्रवाई प्राथमिक विद्यालयों में यूनिफार्म का कपड़ा वितरण के ठेकेदार सत्यपाल सिंह की शिकायत पर की गई थी। ठेकेदार का कहना था कि उसका 25 प्रतिशत कपड़े का भुगतान रोककर उससे प्रति बच्चे की यूनिफार्म से 100 रुपये के हिसाब से रिश्वत मांगी गई थी। इससे पहले कृषि विभाग का बाबू मुनीश को भी रिश्वत लेते हुए मेरठ की टीम ने रंगे हाथ गिरफ्तार किया था। इसके अलावा तीन साल पहले सतर्कता अधिष्ठान मेरठ की टीम ने झिंझाना क्षेत्र में अवैध वसूली करते हुए पुलिसकर्मी को रंगे हाथ गिरफ्तार किया था।