बाबरी। दिल्ली-देहरादून हाईवे पर भाजू में इंटरचेंज की मांग को लेकर गुस्साए किसानों ने शुक्रवार से अनिश्चितकाल के लिए धरना शुरू कर दिया। किसानों की एनएचएआई के परियोजना निदेशक से भी नोकझोंक हुई। धरने में पहुंचे भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि जब तक कट नहीं मिलेगा, किसानों का धरना जारी रहेगा।

दिल्ली-देहरादून हाईवे पर भाजू गांव के पास शामली और मुजफ्फरनगर के किसान इंटरचेंज की मांग कर रहे है। जिसको लेकर पिछले दो दिन तक किसानों ने हाईवे पर काम नहीं होने दिया। शुक्रवार को निर्माण कंपनी के फिर से काम करने के लिए जाने की सूचना पर सुबह 11 बजे ही काफी संख्या में किसान भाजू में पहुंचे और कंपनी के अधिकारियों के खिलाफ नारेबाजी की।

इस दौरान किसानों की एनएचएआई के परियोजना निदेशक से भी नोकझोंक हुई। राकेश टिकैत ने कहा कि इतने समय से किसान कट की मांग कर रहे हैं, मगर मांग को पूरा नहीं किया जा रहा। कहा कि किसान कोई बाहरी देश से थोड़ी आया है। एनएचएआई के अधिकारियों ने इस मामले में किसानों से बात तक करनी मुनासिब नहीं समझा है। कहा कि कट से कई गांव के ग्रामीणों को फायदा होगा। जब तक कट नहीं मिलेगा, तब तक किसानों का धरना जारी रहेगा। यदि मांग पूरी नहीं हुई तो हर गांव में हाईवे पर कट लगा दिए जाएगे। सूचना पर एडीएम संतोष कुमार, एसडीएम भी मौके पर पहुंचे। एडीएम ने कहा कि किसानों की मांग से उच्चाधिकारियों को फिर से अवगत कराएंगे।

इस दौरान भाकियू जिलाध्यक्ष कालिंदर मलिक, कपिल खाटियान, बोबी प्रधान,वीर सिंह मलिक, देशराज भनेड़ा, पिंटू चौधरी,बिल्लू चौधरी,सरदार पाले सिंह, रविंद्र राणा, उपेंद्र , सुशील तोमर, बालिंदर प्रधान आदि मौजूद रहे।
परियोजना निदेशक पर लगाया फायरिंग की बात कहने का आरोप

राकेश टिकैत ने कहा कि उन्हें पता चला है कि एनएचएआई के परियोजना निदेशक ने किसी को कहा है कि वह किसानों को डराने के लिए फायरिंग करा दें। राकेश ने कहा कि किसान किसी से डरने वाला नहीं है। दीवाली पर पटाखों के साथ-साथ किसान फायरिंग करना भी बखूबी जानता है। इसलिए कोई भी किसानों को कमजोर नहीं समझे।

किसानों के बवाल की आशंका के मद्देनजर भाजू कट के पास पुलिस और पीएसी बल मौजूद रहा। इसके अलावा थाना प्रभारी भी डेरा डाले रहे। उधर, किसानों ने अनिश्चितकालीन धरने के लिए टैंट लगाने का कार्य शुरू कर दिया। बारी-बारी से क्षेत्र के किसान धरना देंगे।

किसानों से वार्ता करने के लिए गए थे मगर किसान इंटरचेंज की मांग पर अड़े हैं। किसानों को इंटरचेंज के बदले सर्विसलेन बनाने का आश्वासन एनएचएआई ने दिया है। फिर से वार्ता की जाएगी। – संतोष कुमार, एडीएम शामली