शामली। निकाय चुनाव का मतदान होने के बाद अब राजनीतिक दल अपने खेमे में शामिल विभीषणों की जांच में जुट गए हैं। ऐसे लोगों को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा। भाजपा में ऐसे लोगों की संख्या काफी ज्यादा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दौरे के बाद निकाय चुनाव भाजपा के लिए प्रतिष्ठा का सवाल भी बन गया है। दो नेताओं पर पार्टी पहले ही कार्रवाई भी कर चुकी है।

निकाय चुनाव में पिछली बार भाजपा बनत नगर पंचायत सीट बहुत ही मामूली अंतर से जीती थी। इसके अलावा अन्य सीटों पर पार्टी को हार का सामना करना पड़ा था। इस बार मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने सहारनपुर के साथ ही शामली से निकाय चुनाव के प्रचार का शंखनाद किया था, लेकिन टिकट वितरण को लेकर पार्टी के कई नेता बागी तेवर दिखा दिए थे। कई सीटों पर पार्टी के प्रत्याशियों के सामने नामांकन कर नुकसान भी पहुंचाया। भाजपा में ऐसे मामले अधिक सामने आए। झिंझाना में कार्रवाई करते हुए पार्टी ने आशीष मित्तल और राकेश सैनी को 6 वर्ष के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया। रालोद और सपा में भी बगावती सुर उठे, लेकिन दोनों पार्टियों ने समय रहते काफी हद तक डैमेज कंट्रोल कर लिया। मतदान होने के बाद कई सीटों पर स्थिति काफी हद तक स्पष्ट हो चुकी है। किसने अपनी ही पार्टी को कहां और किस स्तर पर नुकसान पहुंचाया है, यह भी लगभग जाहिर हो चुका है। ऐसे में भाजपा में विभीषणों की तलाश जारी शुरू हो चुकी है। वहीं अन्य राजनीतक दल भी पार्टी को नुकसान पहुंचाने वालों के खिलाफ कार्रवाई के मूड में हैं। चुनाव परिणाम आने के बाद ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई हो सकती है।