शामली। ईएसआई एजेंट शामली के नौ कुआं रोड मोहल्ले के रहने वाले तहसीम उर्फ मोटा ने एसटीएफ की पूछताछ में बताया कि पाकिस्तान में दुकानों पर भी आईएसआई एजेंट बैठे हुए हैं, जो भारत के वहां पर जाने वाले लोगों को मोटीवेट कर सरगना इकबाल काना, दिलशाद मिर्जा से मिलवाते हैं।एजेंट भारत में सामाजिक सौहार्द को विखंडित करने, भारत देश की एकता को बिगाड़ने और नकली नोटों की सप्लाई कराने के लिए झांसे में लेते हैं।
एक दो दिन की मुलाकात के बाद ही दुकानों पर बैठे लोग आईएसआई एजेंटों से मिलवाने के लिए तैयार हो जाते हैं। प्रत्येक गतिविधियों की सूचना मोबाइल फोन के माध्यम से एजेंंटों को दी जाती है। मोटीवेट करने के लिए एजेंट दो से लेकर तीन दिन तक लगातार बात करते हैं। सपना दिखाया जाता है कि यदि वह उनके साथ जुड़ा रहा तो चंद दिनों में मालामाल कर दिया जाएगा।
पाकिस्तान के लाहौर और अन्य शहरों में बैठे आईएसआई एजेंट और अन्य एक दूसरे से कोड वर्ड में बात करते हैं। उस्ताद, भाईजान कहकर पुकारा जाता है। इन शब्दों से बात करने वाला समझ जाता है कि जिससे बात कराई जाएगी, वह नया है, उसे पूरी तरह से ट्रेंड किया जाना है।पान की दुकानों पर आईएसआई के सबसे अधिक एजेंट बैठे हैं, जिन्हें किसी भी तरह की दिक्कत होने पर आईएसआई एजेंट पूरा सहयोग करते हैं। उन्हें समय-समय पर रुपये भी दिए जाते हैं।