
मुजफ्फरनगर। निकाय चुनाव के नतीजों के बाद सियासी माहौल गरम है। खतौली के पूर्व चेयरमैन पारस जैन का आरोप है कि नवनिर्वाचित चेयरमैन हाजी शाहनवाज उर्फ लालू ने अपनी जाति छिपाकर धोखाधड़ी से चुनाव लड़ा है। शाहनवाज शेख बिरादरी से ताल्लुक रखते हैं, जबकि इस बर खतौली सीट ओबीसी के लिए आरक्षित हुई थी। आरक्षण के कारण नवनिर्वाचित चेयरमैन ने कलाल जाति का प्रमाणपत्र बनाकर चुनाव लड़ा है।
पूर्व चेयरमैन पारस जैन ने पत्रकारों से बातचीत में बताया कि नवनिर्वाचित चेयरमैन शाहनवाज ने गलत तरीके से चुनाव लड़कर आयोग और जनता के साथ धोखा किया है। शाहनवाज के दादा और पिता की जमीन के कागजात दिखाते हुए दावा किया कि 1961 और 1964 में हुए जमीन के बैनामे में भी शेख जाति अंकित है। इससे साफ जाहिर होता है कि शाहनवाज शेख जाति से हैं। शेख जाति सामान्य वर्ग में आती है। खतौली सीट पहली बार ओबीसी के लिए आरक्षित हुई है। इसके चलते शाहनवाज ने धोखाधड़ी से उसी दिन कलाल जाति का प्रमाण पत्र बनवा लिया और चुनाव लड़ा है।
मामले की शिकायत जिलाधिकारी अरविंद मल्लप्पा बंगारी से करते हुए जांच करने की मांग की है। मांग रखी गई कि शपथ लेने से पहले इस मामले की पूरी जांच हो। उन्होंने कहा कि अगर यह मामला सही पाया जाता है तो शाहनवाज के बजाए किसी ओर को शपथ दिलाई जाए। इस दौरान कांग्रेस से चेयरमैन पद के लिए प्रत्याशी जमील अंसारी और निर्दलीय चुनाव लड़े कृष्णपाल सैनी भी उनके साथ मौजूद रहे।
मेरा और मेरे पूरे परिवार का जाति प्रमाण पत्र कलाल जाति का ही बना हुआ है। अधिकारियों की जांच के बाद ही मेरा नामांकन हुआ था। किसी तरह की कोई धोखाधड़ी नहीं की गई है। – हाजी शाहनवाज उर्फ लालू, नवनिर्वाचित चेयरमैन, खतौली
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