धार्मिक स्थलों से तेज आवाज के चलते लाउडस्पीकर उतरवाए गए थे, साथ ही धीमी आवाज में ही लाउडस्पीकर चलाने की अनुमति दी गई थी। जैसे ही अभियान बंद हुआ और पुलिस दूसरे कार्यों में उलझी, तो लाउडस्पीकर की आवाज तेज हो गई है। शादी समारोहों में भी देर रात तक डीजे बजाए जा रहे हैं। इसको लेकर पुलिस फिर से सक्रिय होने जा रही है। जहां कहीं पर भी तेज आवाज में लाउडस्पीकर बजाए जा रहे हैं, उन पर पुलिस की नजर है और जल्द ही कार्रवाई होगी।

दरअसल, पुलिस तक भी इसकी सूचनाएं पहुंच रही हैं कि धार्मिक स्थलों से तेज आवाज में लाउडस्पीकर चलाए जा रहे हैं। इसके चलते पुलिस ने नए सिरे से ऐसे स्थलों को चिह्नित करने की तैयारी कर ली है। वैसे बता दें कि वर्ष 2022 में ही शासन के निर्देश पर पुलिस प्रशासन ने तेज आवाज में लाउडस्पीकर चलाए जाने के विरुद्ध अभियान चलाया था। तब शामली जिले के अनेक धार्मिक स्थलों से लोगों ने खुद ही लाउडस्पीकर उतार लिए थे अथवा मानक के अनुसार ही आवाज में लाउडस्पीकर चलाने पर सहमति जताई थी। उस पर अमल भी किया गया था।

मंदिर और मस्जिद में लगे लाउडस्पीकर की आवाज का स्‍तर लगभग 100 से 120 डेसिबल तक होता है, जबकि पटाखे लगभग 100 से 110 डेसिबल आवाज पैदा करते हैं।

डाक्‍टर कहते हैं कि 85 डेसिबल से ज्‍यादा आवाज इंसान के लिए हानिकारक है और बहरा भी बना सकती है।

कोर्ट के आदेश के अनुसार सार्वजनिक या निजी संपत्ति पर आवाज करने वाले कोई भी इलेक्ट्रॉनिक उपकरण की आवाज 55 डेसिबल होगी तभी उसे चलाने की अनुमति राज्‍य सरकार दे सकती है। जिस तरह के लाउडस्पीकर मंदिरों और मस्जिदों में लगे होते हैं, उनसे करीब 100 से 120 डेसिबल साउंड पैदा होता है जो सीधा-सीधा सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्‍लंघन है। इसके अलावा रात दस बजे के बाद बैंक्वेट हाल में डीजे बजाए जाने की भी अनुमति नहीं है।

धार्मिक स्थलों से तेज आवाज में लाउडस्पीकर चलाने वालों पर कार्रवाई होगी। ऐसी सूचनाएं आ रही हैं कि फिर से तेज आवाज में लाउडस्पीकर चलाए जा रहे हैं। शादी समारोहों में भी रात दस बजे के बाद डीजे बजाने पर पाबंदी का सख्ती से पालन कराया जाएगा। – ओपी सिंह, अपर पुलिस अधीक्षक, शामली