शामली। मुजफ्फरनगर विकास प्राधिकरण की सीमा विस्तार के लिए जिले के 11 गांवों के मानचित्र और भूमि का रिकॉर्ड शासन को भेज दिया गया है। शासन स्तर से जल्द ही इन 11 गांवों को प्राधिकरण की सीमा में शामिल करने की अधिसूचना जारी हो सकती है। जिसके बाद इन 11 गांवों में भी सुनियोजित विकास होगा।
मुजफ्फरनगर विकास प्राधिकरण के विनियमित क्षेत्र में आठ जनवरी 1988 में शासन ने नगर पालिका परिषद शामली क्षेत्र के गांवों को शामिल करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। बाद में वर्ष 1996 में शामली नगर पालिका परिषद क्षेत्र में मुंडेट कलां, खेड़ीकरमू, सिंभालका गांव की कृषि भूमि को शामिल रखते हुए सात गांवों को विनियमित क्षेत्र से बाहर कर दिया गया था। ढाई माह पूर्व शासन ने मुजफ्फरनगर विकास प्राधिकरण क्षेत्र में 11 गांवों को शामिल करने को लेकर रिपोर्ट मांगी गई थी। मुजफ्फरनगर विकास प्राधिकरण क्षेत्र में शामली नगर पालिका परिषद, शामली ग्रामीण, टिटौली, मुंडेट कलां, बनत नगर पंचायत का शहरी और ग्रामीण क्षेत्र, ताजपुर सिंभालका, बलवा, लिलौन, खेड़ीकरमू, गोहरनी, बधेव, सहेटा आदि गांव को शामिल करने के प्रस्ताव की रिपोर्ट पिछले माह शासन को भेजी थी। इसके बाद शासन से प्राधिकरण क्षेत्र में जिला मुख्यालय के आसपास के 11 गांव की भूमि, आवास आदि के नक्शे का रिकार्ड मांगा गया था। प्राधिकरण ने जिला प्रशासन से 11 गांवों का रिकार्ड उत्तर प्रदेश नियोजन एवं आवास विभाग को भेज दिया है। शासन स्तर पर सीमा विस्तार का प्रस्ताव तैयार करके अधिसूचना जारी की जाएगी।
मुजफ्फरनगर विकास प्राधिकरण के सचिव आदित्य प्रजापति ने बताया कि मुजफ्फरनगर विकास प्राधिकरण की सीमा में शामिल 11 गांवों को शामिल करने का मामला उत्तर प्रदेश नियोजन एवं आवास विभाग में लंबित है। शासन अपने स्तर पर कभी भी अधिसूचना जारी कर सकता है।
प्राधिकरण के सीमा विस्तार क बाद महायोजना 2031 नए सिरे से तैयार की जाएगी। विकास प्राधिकरण शामली कार्यालय के प्रभारी राजीव त्यागी ने बताया कि 11 गांव को प्राधिकरण की सीमा में शामिल करने के बाद शामली महायोजना 2031 संशोधित कर नए सिरे से तैयार होगी। इन 11 गांवों में विकास प्राधिकरण भवनों के नक्शे पास हो सकेंगे। सुनियोजित विकास के तहत प्राधिकरण की आवासीय कॉलोनी, पार्क, बस अड्डे, औद्योगिक पार्क, स्कूल कॉलेज, स्वास्थ्य सेवा, बाजार आदि विकसित किए जाएंगे।
28 सितंबर 2011 को बसपा की सरकार में शामली को मुजफ्फरनगर से अलग कर नया जिला बना दिया गया था। तब तत्कालीन डीएम अजय कुमार सिंह ने इन 11 गांवों को प्राधिकरण के सीमा क्षेत्र में शामिल करने का प्रस्ताव शासन को भेजा था। तब से यह प्रस्ताव लंबित चला आ रहा था।