शामली। भाजू में दिल्ली-देहरादून इकोनॉमिक काॅरिडोर एक्सप्रेसवे पर इंटरचेंज बनने से शामली और मुजफ्फरनगर जिले के 50 से ज्यादा गांवों को लाभ मिलेगा। भाजू गांव में 17 मार्च को होने वाली भाकियू की मासिक पंचायत के मद्देनजर जिला प्रशासन ने एनएचएआई के अफसरों के साथ मंगलवार को बैठक बुलाई है।

दिल्ली-देहरादून इकोनाॅमिक काॅरिडोर एक्सप्रेसवे पर भाजू गांव में इंटरचेंज निर्माण की मांग शामली और मुजफ्फरनगर जिले के किसान कर रहे हैं। इस संबंध में पूर्व डीएम जसजीत कौर ने एनएचएआई बागपत के परियोजना निदेशक एसके मिश्रा को पत्र भेजकर भाजू में इंटरचेंज की सिफारिश की थी। केंद्रीय राज्यमंत्री संजीव बालियान ने भी इंटरचेंज बनवाने का आश्वासन दिया था। केंद्रीय राज्य मंत्री संजीव बालियान ने बागपत एनएचएआई के परियोजना निदेशक को केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय को इंटरचेंज का प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिए थे। उन्होंने आश्वासन दिया था कि वह केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से मिलकर इसकी पैरवी करेंगे।

लेकिन इसे स्वीकृति नहीं मिली। जिस पर भाकियू ने 17 मार्च को भाजू में पंचायत का एलान किया है। भाकियू ने इस मुद्दे को अपनी प्रतिष्ठा का प्रश्न बना लिया है। बताया जा रहा है कि भाजू इंटरचेंज काे स्वीकृति इसलिए नहीं मिली, क्योंकि बुटराड़ा में और मेरठ-करनाल हाईवे पर मुजफ्फरनगर जिले के करौदा महाजन में इंटरचेंज पहले से स्वीकृत है। इन दोनों गांवों की दूरी भाजू से काफी कम है।
एडीएम संतोष कुमार सिंह ने बताया कि मंगलवार को शाम पांच बजे कलक्ट्रेट सभाकक्ष में इंटरचेंज के मुद्दे को लेकर एनएचएआई बागपत के अफसरों के साथ डीएम रविंद्र सिंंह समीक्षा करेंगे।