शामली। जिले के आरक्षित वनों की कटाई एवं अवैध अतिक्रमण के मामले में एनजीटी ने डीएम, मुख्य सचिव, मुख्य वन संरक्षक और डीएफओ, वन संरक्षक सहारनपुर को नोटिस जारी किए हैं। मामले में सुनवाई को अब आठ नवंबर की तारीख निर्धारित की गई है।

अमित कुमार ने राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण में याचिका लगाई थी। जिसमें कहा था कि जिले में कुछ स्थानों पर आरक्षित वनों और व्यापक वनों की कटाई की जा रही है। बीबीपुर जलालाबाद, पावटी खुर्द, दभेड़ी, बीबीपुर हाटिया, बरनावी, अकबरपुर में कृषि गतिविधियों और संबंधित अधिकारियों की लापरवाही के कारण पेड़ों का कटान हो रहा है। याचिकाकर्ता ने एनजीटी के समक्ष आरक्षित वनों की जर्जर होती स्थिति को उजागर करते हुए याचिका दायर की थी।

याचिका में बताया गया कि इंडिया स्टेट ऑफ फॉरेस्ट रिपोर्ट 2021 के अनुसार, शामली जिले का वन आच्छादन उसके कुल भौगोलिक क्षेत्र का लगभग 1.64% है। अधिकारियों की वनों को लेकर सुरक्षा में विफलता बताई, जिससे पर्यावरणीय क्षरण हो रहा है। आरोप लगाया है कि पेड़ों की कटाई के अलावा किसानों ने आरक्षित वन के कुछ हिस्सों पर कब्जा कर लिया है। अधिकारियों ने वनों की कटाई और अतिक्रमण को रोकने के लिए उचित उपाय नहीं किए हैं।

राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण की प्रधान पीठ के अध्यक्ष जस्टिस प्रकाश श्रीवास्तव की चार सदस्यीय बेंच ने पर्यावरण मानदंडों के अनुपालन से संबंधित महत्वपूर्ण मुद्दे को स्वीकार करते डीएफओ, डीएम को नोटिस जारी किए।

जिला परियोजना अधिकारी डॉ. सोनू का कहना है कि लोगों को वनों को बचाने को आगे आना चाहिए, ताकि पर्यावरण हरा भरा रहे। डीएम रविंद्र सिंह का कहना है कि अभी नोटिस नहीं मिला है। पेड़ों का कटान करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।