कैराना(शामली)। इन दिनों ग्रेटर नोएडा में पाकिस्तानी से आयी महिला सीमा हैदर चर्चाओं में है। सीमा हैदर सरकार से भारत की नागरिकता मांग रही है। शामली की यदि बात की जाए तो यहां पर भी कई महिलाएं कई सालों से भारतीय नागरिकता मांगने के लिए अधिकारियों के चक्कर लगा रही हैं। हालांकि, कैराना में पाकिस्तान की रहने वाली महिला गुलाम फातिमा को कैराना निवासी युवक से निकाह के 18 साल बाद भारत की नागरिकता मिली थी। वहीं पाकिस्तानी रज्जो निकाह के 15 साल बाद भी नागरिकता नहीं मिलने व पति की मृत्यु हो जाने के बाद अपने दो बच्चों को साथ लेकर पाकिस्तान वापस लौट गई। इसके अलावा करीब आधा दर्जन पाकिस्तानी महिलाएं वर्षों से भारतीय नागरिकता की आस लगाए बैठी हैं।
कुछ दिन पहले पाकिस्तानी महिला सीमा हैदर अपने चार मासूम बच्चों को लेकर पाकिस्तान से ग्रेटर नोएडा पहुंची। सीमा लगातार केंद्र सरकार से भारतीय नागरिकता देने तथा उसे पाकिस्तान वापस न भेजने की गुहार लगा रही है। वहीं कैराना नगर में भी करीब आधा दर्जन पाकिस्तानी महिलाएं शादी करने के बाद रह रहीं हैं। नगर के खुरगान रोड स्थित मोहल्ला खैलकला निवासी पाकिस्तानी महिला गुलाम फातिमा ने बताया कि उसकी शादी सन् 1999 में कैराना के रहने वाले मोहम्मद सालीम के साथ हुई थी। उससे दो बेटियों ने जन्म लिया। शुरुआत में वह नूरी वीजा पर आई थी। जब भी वह पाकिस्तान जाती तो मुजफ्फरनगर व शामली स्थित एलआईयू कार्यालयों में उसके सभी दस्तावेज जमा किए जाते थे। इसके बाद लखनऊ से उसे नूरी वीजा मिलता था। गुलाम फातिमा ने बताया कि उसे 9 नवंबर 2017 को गृह मंत्रालय भारत सरकार ने भारत की नागरिकता प्रदान की थी।
इसके अलावा मौहल्ला आलकला में पाकिस्तानी महिला रज्जो की शादी 20 साल पहले अनीस नाम के युवक से हुई थी। अनीस की मौत के बाद वह अकेली रह गई थी, लेकिन उसने भी कई बार भारतीय नागरिकता पाने के प्रयास किए, लेकिन उसे नागरिकता नहीं मिल सकी। थक हारकर चार साल पहले रज्जो अपने दो बच्चों के साथ पाकिस्तान वापस लौट गई। अब उसके घर पर उसकी सास अख्तरी उर्फ नन्नी रहती हैं। इनके अलावा मोहल्ला दरबार कला में पाकिस्तानी महिला नाहिद अख्तर पत्नी नौशाद जिसकी उम्र 65 वर्ष हो चुकी हैं। वह कराची की रहने वाली हैं। उसे भी आज तक नागरिकता नहीं मिली। वह लोंग टाइम वीजा पर यहां रह रही है। मोहल्ला कलालान में शमा पत्नी मोहम्मद जावेद व 12 वर्षीय बेटे राफे को भी नागरिकता नहीं मिली। फिलहाल शमां गढ़ी पुख्ता में रह रहीं है।
इसके अलावा भी कई अन्य पाकिस्तानी महिलाएं भी शादी के बाद नगर में टाइम वीजा पर रह रही है। गुलाम फातिमा को छोड़ सभी ने बताया कि वह भारत की नागरिकता पाने के लिए सरकारी कार्यालयों के लगातार चक्कर काट रहें हैं, लेकिन भारतीय नागरिकता पर फैसला केंद्र सरकार को लेना है। उन्होंने केंद्र सरकार से गुहार लगाई हैं कि उन्हें भी अब भारतीय नागरिकता दी जानी चाहिए।