शामली। एनएचएआई के क्षेत्रीय अधिकारी मुकेश जैन के जिले के दौरे के बाद दो हाईवे को जोड़ने वाले नए बाईपास के लिए सात गांवों के किसानों को 20 करोड़ का मुआवजा मिलने की उम्मीद जग गई है। मुआवजा बंटने के बाद भूमि अधिग्रहण की कार्रवाई होगी।

शहर के चारों ओर रिंग रोड निर्माण के लिए दिल्ली-शामली-सहारनपुर, मेरठ-करनाल, पानीपत-खटीमा हाईवे के एनएचएआई बागपत इकाई की ओर शामली बाईपास प्रस्तावित किए गए हैं। दिल्ली-सहारनपुर का दस किमी लंबाई वाले शामली बाईपास के पुलों और शामली तहसील के सामने क्रॉस जंक्शन, बलवा मोड़ पर क्रॉस जंक्शन ओर सेहटा और तहसील के बीच बाईपास के हिस्से को छोड़कर ज्यादातर कार्य पूरा हो चुका है। मेरठ-करनाल हाईवे का बाईपास छह किमी तैयार हो चुका है। पानीपत-खटीमा हाईवे की जद में शामली के बलवा से लेकर कंडे़ला जगनपुर बाईपास और हाईवे के फ्लाईओवर कार्य मिट्टी उपलब्ध न होने से अधूरे पड़े हैं।

एक साल पहले केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय के एनएचएआई से नए बाईपास की स्वीकृति मिलने के बाद अधिसूचना का प्रकाशन किया गया था। नवंबर 2021 में नए बाईपास के निर्माण के लिए सात गांवों के किसानों के मुआवजा का अवार्ड बनाकर बागपत एनएचएआई के माध्यम से केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय भेजा गया था। मंत्रालय से नए बाईपास का नौ करोड़ रुपये का आंशिक मुआवजा प्राप्त हुआ था।

जिला प्रशासन की ओर से सात करोड़ रुपये का मुआवजा वितरित किया जा चुका है। पिछले सप्ताह लखनऊ से राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के क्षेत्रीय अधिकारी एमके जैन ने जिले के पानीपत-खटीमा, मेरठ-करनाल और दिल्ली-शामली-सहारनपुर के दूसरे फेस के शामली बाईपास और हाईवे का निरीक्षण करके प्रगति की जानकारी ली।

एडीएम संतोष कुमार सिंह ने बताया कि दो हाईवे को जोड़ने वाले नए बाईपास के सात गांवों का कुल 45 करोड़ रुपये का मुआवजे में नौ करोड़ की धनराशि मिली थी। जिसमें से सात करोड़ रुपये की धनराशि किसानों को वितरित हो चुकी है। पांच गांवों के किसानों की 20 करोड़ रुपये की धनराशि अवमुक्त कराने का अनुरोध किया गया है।