शामली। जनपद में ठंड का असर बढने लगा है ओर इसके चलते अब रात में ठंड से ठिठुर रहे लोग अलाव तलाश में रहते है, लेकिन शामली नगर पालिका में अभी तक अलाव का कोई इंतजाम नहीं हो पाया है।

जिले में ठंड का प्रकोप लगातार बढ़ रहा है। शाम होते ही मौसम में ठंड बननी शुरू हो जाती है और रात में कड़ाके की ठंड पड़ रही है। दिसंबर का दो तिहाई महीना बीतने को है, लेकिन अभी तक शहर में कहीं पर भी अलाव जलने शुरू नहीं हुए हैं। अलाव न होने की वजह से लोग ठंड में ठिठुर रहे हैं।

नगरपालिका शामली की बात करें तो यहां पर अलाव शुरू करना तो दूर अभी तक लकड़ी खरीदने की टेंडर प्रकिया अधूरी है। नगरपालिका के अधिशासी अधिकारी रामेंद्र सिंह ने बताया कि अलाव की लकड़ी खरीदने के लिए टेंडर निकाले गए हैं, जल्द ही टेंडर प्रक्रिया पूरी कर अलाव की व्यवस्था शुरू की जाएगी। उधर, रात में शहर के बस स्टैंड व चौराहों का हाल देखा तो वहां पर लोग ठंड से ठिठुरते हुए मिले।

फव्वार चौक पर चाय की दुकान के निकट दो ट्रक चालक बेंच पर बैठे थे, लेकिन वहां पर अलाव की कोई व्यवस्था नहीं थी। उनका कहना था कि रात में ठंड होने के कारण उन्होंने समझा कि चौराहे पर अलाव की व्यवस्था होगी तो उसे तापकर ठंड से राहत मिलेगी, लेकिन यहां पर कहीं अलाव की व्यवस्था नहीं मिली।

रोडवेज बस स्टैंड पर रात के 1ृ0 बजे बक्सर से अपने पति के साथ आई महिला बाला अपनी गोद में दूधमुंहे बच्चे को लेकर बैठी हुई थी। ठंड में ठिठुरते हुए बाला ने बताया कि उन्हें रामपुर मनिहारन जाना है, जिसके लिए वे बस की इंतजार कर रहे हैं। बस कब आएगी, इसका पता नहीं। यहां पर ठंड से बचने के लिए कहीं पर अलाव का भी इंतजाम नहीं है।

शहर में पिछले साल 20 से ज्यादा स्थानों पर अलाव की व्यवस्था की गई थी। शुरूआत में शहर के मुख्य चौराहों, चौक और बस स्टैंड पर अलाव की व्यवस्था की गई थी, लेकिन बाद में जहां मांग आती गई, वहां पर अलाव की व्यवस्था की गई। प्रतिदिन एक अलाव के लिए 25 किलो लकड़ी उपलब्ध कराई गई थी।

नगर पंचायत जलालाबाद की तरफ से अलाव के लिए गंगोह चौराहा, हरीनगर पुलिया, पुलिस चौकी, इंद्रा गेट, रोडवेज बस स्टेंड आदि स्थानों को चिन्हित किया गया है। इन स्थानों पर रात में अलाव की व्यवस्था की गई है जबकि कस्बे में इससे ज्यादा स्थानों पर अलाव की जरूरत है। नगर पंचायत अध्यक्ष जहीर मालिक का कहना है कि जिला प्रशासन से अलाव के आदेश आ गए है। कस्बे के छह स्थानों पर अलाव की व्यवस्था शुरू कर दी गई है।