शामली। शामली पुलिस की हिरासत से फरार हुए तीनों किशोरों को पकड़ने के लिए दिल्ली से लेकर हरिद्वार तक 400 किलोमीटर की दौड़ लगानी पड़ी। शामली और मेरठ पुलिस की भागदौड़ के बाद देर रात में सफलता मिली। मेरठ पुलिस ने न्यायालय में पेश करने के बाद तीनों किशोर को बाल सुधार गृह भेज दिया है।

शहर कोतवाली पुलिस ने बृहस्पतिवार को गांव कुड़ाना में दो घरों में चोरी करने के आरोप में इसी गांव के तीन किशोर को पकड़ा था। शुक्रवार को शामली पुलिस तीनों किशोर को कैराना न्यायालय में पेश करने के बाद कार से मेरठ बाल सुधार गृह ले जा रही थी। मेरठ में जेल चुंगी के पास तीनों किशोर कार की खिड़की खोलकर पुलिस हिरासत से फरार हो गए थे। इस मामले में मेरठ के सिविल लाइन थाने पर तीनों किशोर के साथ ही उन्हें ले जाने वाले वाले हेड कांस्टेबल ज्ञानेंद्र, कांस्टेबल अर्जुन को एसपी शामली अभिषेक ने निलंबित कर दिया था जबकि होमगार्ड के विरुद्ध कार्रवाई के लिए उनके कमांडेंट को रिपोर्ट भेजी गई।

किशोरों के फरार होने के बाद शामली व मेरठ जिले की पुलिस टीमें उनकी तलाश में जुटी रही। पुलिस मेरठ से लेकर दिल्ली और हरिद्वार तक करीब 400 किलोमीटर तक भागदौड़ के बाद शुक्रवार रात में सफलता हाथ लगी। बताया गया है कि एक किशोर दिल्ली से बरामद हुआ जबकि दो किशोर हरिद्वार से पकड़े गए। पुलिस के मुताबिक पूछताछ में सामने आया कि 16 वर्षीय किशोर ट्रेन से दिल्ली पहुंचा जबकि 15 व 12 वर्ष के दो किशोर ट्रेन से ही हरिद्वार पहुंचे थे। शनिवार को मेरठ पुलिस ने तीनों किशोर को वहीं न्यायालय में पेश करने के बाद बाल सुधार गृह भेज दिया है।

पुलिस की पूछताछ में सामने आया कि तीनों किशोर जमानत न होने के डर की वजह से फरार हुए थे। शामली से मेरठ जाते समय कार में तीनों किशोरों की बातचीत हुई। उनके मन में आया कि उनकी जमानत नहीं होगी और अब जिंदगी भर उन्हें जेल में ही रहना पड़ेगा। पुलिस के मुताबिक मेरठ में जेल चुंगी के पास जाम के कारण जब कार रुकी तो पहले 12 व 15 वर्ष के किशोर कार से कूदकर भाग निकले। इसके बाद 16 वर्षीय किशोर इसलिए भाग निकला कि पुलिस अब उससे सख्ती से उन दोनों किशोर के बारे में पूछताछ करेगी। फरार होने के बाद दो किशोर साथ-साथ रहे जबकि तीसरा किशोर अलग हो गया।

मेरठ से फरार हुए एक किशोर के पिता का कहना है कि बेटे ने कभी भी कोई गलत कार्य नहीं किया। मगर वह अन्य के बहकावे में आ गया, जिसके कारण चोरी में पकड़ा गया। बेटा नादान और उसने पहली बार अपराध किया है, पुलिस को उसे राहत देते हुए छोड़ना चाहिए।