झिंझाना। उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड मुजफ्फरनगर ने मेरठ-करनाल हाईवे स्थित सात कोल्हू स्वामियों को नोटिस दिए हैं। बोर्ड ने आबादी में प्रदूषण फैलाने पर कोल्हू हटाने के लिए सात दिन का समय दिया है। वहीं नोटिस को ताक पर रखकर कोल्हू स्वामी गुड, शक्कर बनाने का कार्य धड़ल्ले से कर रहे हैं।

जिलाधिकारी शामली के जनसुनवाई पोर्टल पर आबादी के बीच में चलाए जा रहे कोल्हू के खिलाफ पिछले महीने शिकायत दर्ज कराई थी। इस पर संज्ञान लेते हुए उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड मुजफ्फरनगर ने जांच की थी। जांच में मेरठ करनाल हाईवे पर कोल्हू आबादी में चलते हुए मिले थे। इसके बाद उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड मुजफ्फरनगर ने मेरठ करनाल हाईवे स्थित सात कोल्हू स्वामी प्रवेंदर, धीरा, राकेश, सुनील, मेघराज और पटनी प्रतापपुर के ग्राम प्रधान फूल कुमार को नोटिस जारी कर आबादी से 500 मीटर की परिधि से बाहर कोल्हू स्थापित करने का नोटिस जारी किया था।

नोटिस जारी होने के बाद भी कोल्हू न तो बंद हुए हैं और नही उन्हें दूसरी जगह शिफ्ट किया गया है। कोल्हू स्वामी उत्तर प्रदेश नियंत्रण बोर्ड के नोटिस को ताक पर रखकर बड़े पैमाने पर गुड तथा शक्कर बनाने का कार्य धड़ल्ले से कर रहे हैं। इससे गांव लक्ष्मणपुरा और पटनी प्रतापपुर के लोग जहरीली हवा में सांस लेने को मजबूर हैं। ग्रामीणों का कहना है कि इस मामले की शिकायत डीएम से की जाएगी।

जिले में कई फैक्टरियों से भी जहरीला धुआं निकल रहा है। यहां पर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का कार्यालय न होने के कारण प्रदूषण फैलानों वाले कार्रवाई के दायरे में आने से बच रहे हैं। जिले में जगह-जगह पर कोल्हू चल रहे हैं। उनकी चिमनी से काला धुआं निकलता रहता है। शामली जनपद एनसीआर क्षेत्र में शामिल है। इसके बाद भी यहां पर प्रदूषण रोकने के इंतजाम नहीं है। यहां पर प्रदूषण मापने के लिए भी कोई उपकरण नहीं लगे हैं।

एडीएम संतोष कुमार सिंह का कहना है कि प्रदूषण फैलाने वाली इकाइयों की जांच कराई जाएगी। जांच में प्रदूषण का मामला सामने आता है तो कार्रवाई की जाएगी।