शामली। डीएम जसजीत कौर ने शुक्रवार को जिले की सभी चीनी मिलों के गन्ना मूल्य भुगतान की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने कहा कि बकाया गन्ना मूल्य भुगतान में तेजी लाएं। इसमें देरी करने पर चीनी मिलों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। अगला पेराई सत्र शुरू होने से पहले पूरा भुगतान नहीं किया तो चीनी मिलों का गन्ना क्षेत्रफल काटने की संस्तुति की जाएगी।
कलक्ट्रेट में आयोजित बैठक में जिला गन्ना अधिकारी विजय बहादुर सिंह ने बताया कि शामली, ऊन और थानाभवन चीनी मिल ने पेराई सत्र 2021-22 में 1151.65 करोड़ रुपये का गन्ना खरीदा। जिसमें शामली चीनी मिल ने 374.67 करोड़, ऊन मिल ने 337 करोड़ रुपये, थानाभवन चीनी मिल ने 439.99 करोड़ रुपये की खरीद की। खरीदे गए गन्ने का चीनी मिलों ने 410.32 करोड़ का भुगतान किया है। जिसमें शामली चीनी मिल का सबसे कम गन्ना भुगतान है। शामली चीनी मिल ने 95.67 करोड़, ऊन चीनी मिल ने 142.29 करोड़ रुपये, थानाभवन चीनी मिल ने 172.36 करोड़ का गन्ना भुगतान किया है। चीनी मिलों पर 741.33 करोड़ रुपये बकाया हैं। जिसमें शामली चीनी मिल पर 279 करोड़, ऊन पर 194.71 करोड़ और थानाभवन चीनी मिल पर 267.62 करोड़ बकाया हैं। पूरे सीजन में मात्र 35.63 प्रतिशत गन्ना भुगतान हो पाया है।
डीएम जसजीत कौर ने गन्ना भुगतान देरी से किए जाने पर नाराजगी प्रकट की। उन्होंने चीनी मिलों के अफसरों को बकाया गन्ना मूल्य भुगतान में तेजी लाने के निर्देश दिए। कहा कि वर्ष 2022-23 का नए गन्ना पेराई शुरू होने से पहले सभी चीनी मिले संपूर्ण गन्ना भुगतान कर दें। समय पर बकाया गन्ना मूल्य भुगतान न करने वाली मिलों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। आगामी सुरक्षण बैठक में भुगतान पूरा न करने वाली चीनी मिलों का गन्ना क्षेत्रफल काटने की संस्तुति कर दी जाएगी। बैठक में शामली चीनी मिल के एजीएम केपी सरोहा, एकाउंट हेड विजित जैन, ऊन चीनी मिल के गन्ना महाप्रबंधक डॉ. कुलदीप पिलनिया, एकाउंट हेड विक्रम सिंह, थानाभवन मिल के एजीएम सुरेंद्र सिंह एकाउंट हेड सुभाष बहुगुणा आदि मौजूद रहे।