शामली। डीएम जसजीत कौर ने बताया कि बिना अनुमति के भूगर्भ जल दोहन पर पांच लाख रुपये का जुर्माना और छह माह के कारावास की सजा हो सकती है। इसलिए सभी संस्थाएं जो भूगर्भ जल दोहन कर रही हैं, वह अपना पंजीकरण करा लें।
डीएम ने बताया कि उप्र भूगर्भ जल अधिनियम के अंतर्गत राज्य में भूमिगत जल संरक्षित करने को भूजल संकटग्रस्त ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में भूजल संरक्षण पर जोर दिया जा रहा है। ऐसे में बिना अनुमति भूगर्भ जल दोहन पर पांच लाख तक जुर्माना लग सकता है। इसलिए सभी औद्योगिक, वाणिज्यिक, अवसंरचनात्मक, आरओ प्लांट और सामूहिक उपयोगकर्ताओं को भूजल दोहन के लिए अनापत्ति प्रमाण-पत्र, पंजीकरण का प्रावधान किया गया है। इसके अतिरिक्त भूगर्भ कूप निर्माण की समस्त ड्रिलिंग संस्थाओं का पंजीकरण अनिवार्य किया गया है। इसलिए इस श्रेणी के उपभोक्ता तत्काल आवेदन कर पंजीकरण, अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त करना सुनिश्चित करें।
जसजीत कौर ने बताया कि औद्योगिक, वाणिज्यिक, अवसंरचनात्मक, आरओ प्लांट और सामूहिक उपयोगकर्ताओं यथा होटलों, लॉजो, आवासीय कालोनियों, रिजार्टों, निजी चिकित्सालयों, परिचर्या गृहों, कारोबार प्रक्षेत्रों, मॉल्स, वाटर पार्कों, मैरिज होम, लॉन, पैकेज ड्रिंकिंग प्लांट, स्लाटर हाउस, शापिंग काम्पलेक्स, वाहन धुलाई केंद्र सहित मौजूदा एवं प्रस्तावित भूजल उपयोगकर्ता के लिए पंजीकरण एवं एनओसी अनिवार्य है