शामली। स्कूटी, बाइक और ट्रकों के नंबर पर स्कूली वाहनों को दौड़ाया जा रहा था। ऐसे 23 मामले सर्वे के दौरान परिवहन विभाग ने पकड़े हैं। इसके अलावा 90 स्कूली वाहनों में फिटनेस नहीं मिली। 60 वाहनों में इंश्योरेंस पूरा नहीं था, जबकि 7 वाहन परमिट निलंबन के बाद भी दौड़ाए जा रहे थे। कुल 180 वाहन चालकों को नोटिस जारी किए गए हैं।

लिलौन के पास से स्कूली वैन को पकड़ा गया। जो बागपत के स्कूटी नंबर डीएल 11 एसडी 2999 पर दौड़ाई जा रही थी। जबकि उसका परमिट पिछले पांच साल से खत्म हो रखा था। बस मालिक पर 32 हजार का जुर्माना लगाया और सीज की कार्रवाई की गई।

फव्वारा चौक के पास परिवहन विभाग की टीम ने स्कूल की बस को पकड़ा। जांच में बाइक के नंबर डीएल 5एसडी 5868 पर बस दौड़ाई जा रही थी। बाइक दिल्ली की है। गाड़ी को सीज करने के साथ-साथ 30 हजार का जुर्माना लगाया गया। साथ ही चालक और स्कूल प्रशासन से भी लिखित में शपथ पत्र लिया गया।

परिवहन विभाग ने मुजफ्फरनगर रोड पर एक सप्ताह पूर्व ही स्कूली बस को पकड़ा। जांच में उसका परमिट मुजफ्फरनगर में पूर्व में निलंबित किया जा चुका है। चालक पर 32 हजार का जुर्माना लगवाया गया। साथ ही शपथ पत्र लिया गया कि भविष्य में गाड़ी नहीं चलाई जाएगी।

दिल्ली रोड पर एक स्कूल वैन को विभागीय टीम ने पकड़ा। जांच में सामने आया है कि वैन का परमिट चार साल पूर्व निरस्त हो चुका है। इसके बावजूद भी उसे दौड़ाया जा रहा था। मालिक पर 32 हजार का जुर्माना लगाया गया।

जिले के हालात
जिले में प्राइवेट स्कूलों की संख्या : 105

स्कूलों में गाड़ियों की संख्या : 724

जिनका परमिट नहीं : 90

बीमा नहीं कराने वाली बसें और वैन -60

फर्जीवाड़ा कर जिलेभर में स्कूली बसें और वैन चलाई जा रही थी। परमिट निलंबन के बाद भी कुछ बसें चल रही थी। ऐसे स्कूल मालिकों, चालकों को नोटिस दिए गए हैं। सुधार नहीं होने पर कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। 90 फिटनेस नहीं कराने और परमिट निलंबन के वाहन चलाए गए तो कड़ी कार्रवाई होगी। यदि आवश्यकता पड़ी तो एफआईआर भी दर्ज कराई जाएगी। – रोहित राजपूत, एआरटीओ शामली

स्कूल बसों के लिए यह नियम
-ट्रांसपोर्ट परिमट होना चाहिए।
-चालक को कम से कम पांच साल का वाहन चलाने का अनुभव हो।
-स्कूल बस पर पीले रंग से पेंट होनी चाहिए।
-बस के आगे व पीछे ऑन स्कूल ड्यूटी लिखा हो।
-शीशों के साथ ही लोहे के पाइप व जाली लगी होनी चाहिए।
-बस के अंदर अग्निशमन यंत्र होना चाहिए।
-स्कूल वाहन की गति 40 किमी प्रति घंटा से अधिक नहीं हो।
-बस में फस्ट एड बॉक्स होना चाहिए।
-बसों में सीसीटीवी कैमरे लगे होने चाहिएं।
-स्कूल का नाम और फोन नंबर लिखा होना चाहिए।
-दरवाजे में ताला लगा हो और सीटों के बीच पर्याप्त जगह होनी चाहिए।
जैसा कि एआरटीओ रोहित राजपूत ने बताया।

अभिभावक भी इन बातों का रखें ध्यान
-बस खड़ी होने पर ही बच्चों को चढ़ाएं।
-चालक के बारे में पूरी जानकारी रखें और उसका चरित्र प्रमाण पत्र भी देखें।
-बस में एक हेल्पर है या नहीं।
-बच्चों के आने और जाने के समय पर ध्यान रखें।
-बस के अंदर बच्चों को बैठने के लिए जगह मिल रही है या नहीं।
-बस में सुरक्षा मानकों का पालन हो रहा है या नहीं।

स्कूल बसों के कारण कई बार हादसा हो चुके हैं। उसमें बाद में पता चलता है कि बस का परमिट नहीं था। अगर पहले ही अधिकारी उनकी जांच करके बंद करा दे तो हादसे नहीं होंगे। मगर अधिकारी कभी अभियान चलाते हैं तो केवल चालान करके खानापूर्ति कर देते हैं। सुनील पंवार, अभिभावक

नियमों का पालन नहीं करने वाले स्कूल संचालक और बसों के मालिकों पर कार्रवाई होनी चाहिए। इसके लेकर डीएम से भी मिला जाएगा। मोंटी, अभिभावक