शामली। परिषदीय स्कूलों में बच्चों को निपुण लक्ष्य हासिल कराने में बांटा जाएगा। इसके लिए विभाग की ओर से पहल तेज कर दी गई है। अब सर्वे के आधार पर स्कूलों को हरा, लाल और पीला श्रेणी में रखा जाएगा। इसके आधार पर कार्य होगा। शिक्षा विभाग ने शिक्षकों को शासन के बिंदुओं के अनुसार कार्य करने के निर्देश दिए हैं। इसमें लापरवाही न बरतने की हिदायत दी गई है।
बेसिक शिक्षा विभाग के अंतर्गत जिले में कुल 596 परिषदीय प्राथमिक, उच्च प्राथमिक और कंपोजिट विद्यालय मौजूद हैं। सभी स्कूलों को दिसंबर 2023 तक निपुण लक्ष्य को हासिल करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए प्राथमिक विद्यालयों में प्रक्रिया तेज कर दी गई है। अब इन स्कूलों की निपुण ग्रेडिंग होगी। शासन ने निपुण भारत मिशन के तहत आधारशिला क्रियान्वयन संदर्शिका, प्रिंट रिच सामग्री, सहज पुस्तिका, पावर एंजिल, मीना मंच, सपोर्टिव सुपरविजन विजिट, इंस्पेक्शन विजिट आदि पर ध्यान देने के लिए कहा है। इसमें कक्षा एक से तीन के विद्यार्थियों के साक्षर होने, अंक ज्ञान के आधार पर प्रगति जांची जाएगी। इसके आधार पर स्कूलों को हरा, पीला और लाल की श्रेणी में रखा जाएगा। निपुण भारत मिशन के तहत स्कूलों में संसाधनों की उपलब्धता व जरूरतों का भी सर्वे हो रहा है। पूर्व में हुए सर्वे में करीब 60 स्कूलों के बच्चों को निपुण माना गया है। जिस विद्यालय में 80 प्रतिशत विद्यार्थी निपुण लक्ष्य को प्राप्त करने में सक्षम हैं, उन्हें हरा श्रेणी में रखा जाएगा। विद्यालयों में 50 से 60 प्रतिशत विद्यार्थी, अगर निपुण लक्ष्य हासिल करने में समक्ष हैं तो उन्हें पीले श्रेणी में रखा जाएगा। इसके अतिरिक्त जो विद्यालय प्रयासरत हैं, उन्हें लाल श्रेणी में रखा जाएगा। लाल, हरा और पीला रंग में विभाजन के बाद स्कूलों को निपुण बनाने में आसानी होगी। बीएसए कोमल ने बताया कि विद्यालयों का लक्ष्य आधारित मूल्यांकन के आधार पर बच्चों को निपुण बनाने पर जोर दिया जा रहा है और इसके लिए शिक्षकों को आदेश जारी कर दिए गए हैं।