शामली। मुकीम गैंग के सरगना एक लाख के इनामी अरशद के मुठभेड़ में मारे जाने के बाद अब पुलिस की नजर 25 हजार के इनामी जुबैर और गैंग से जुड़े बिलाल पर है। पुलिस की मानें तो दोनों में से कोई एक मुकीम गिरोह की कमान संभाल सकता है।
मुकीम काला मूलरूप से शामली के कैराना क्षेत्र के जहानपुरा गांव का निवासी था। पुलिस रिकॉर्ड में उसके खिलाफ सहारनपुर, शामली और वेस्ट यूपी के अन्य स्थानों पर 53 मामले दर्ज हैं। मुकीम की हत्या के बाद साबिर ने गिरोह की कमान संभाल ली थी। वर्तमान में एक लाख का इनामी सहारनपुर के बाढ़ी माजरा का अरशद गिरोह की कमान संभाल रहा था। उसकी मौत के बाद अब पुलिस को आशंका है कि झिंझाना का 25 हजारी जुबैर अथवा गैंग का सदस्य रहा कांधला के खंद्रावली का बिलाल गिरोह की कमान संभाल सकता है। दोनों ही पुलिस की गिरफ्त से दूर हैं। बिलाल के जम्मू कश्मीर और जुबैर के देहरादून में शरण लेने की जानकारी पुलिस को मिली है।
मुकीम गिरोह में वर्तमान में पुलिस के रिकॉर्ड में 16 सदस्य हैं। जिनमें मुकीम, साबिर, अरशद की मौत हो चुकी है। जबकि कैराना का रिजवान जेल से छूटने के बाद निष्क्रिय है, जिस पर 14 मामले दर्ज हैं और वह मजदूरी कर रहा है। सहारनपुर के तीतरो गांव के सागर के खिलाफ 34 मामले दर्ज हैं। वह सहारनपुर जेल में बंद है। तीतरो के ही हैदर के खिलाफ 16 मामले दर्ज हैं, वह सहारनपुर की जेल में है। शामली के बलवा निवासी महताब के खिलाफ हत्या, लूट, डकैती समेत विभिन्न धाराओं में 18 मामले दर्ज हैं, वह भी जेल में है। लांक गांव के नीरज के खिलाफ 9 मामले दर्ज हैं, यह मुजफ्फरनगर जेल में बंद है। कैराना के फरमान के खिलाफ 7 मामले दर्ज हैं, जो जेल से छूटने के बाद मजदूरी कर रहा है।
कैराना के अकबर के खिलाफ दो मामले दर्ज हैं, जो वर्तमान में मजदूरी कर रहा है। कैराना के हारून के खिलाफ तीन मामले दर्ज हैं, वह मजदूरी कर रहा है। शामली के आसिफ के खिलाफ चार मामले दर्ज हैं, वह भी रेहड़ी लगाकर परिवार का पालन पोषण कर रहा है। कांधला के अंसार के खिलाफ 12 मामले दर्ज हैं, जो जेल में बंद है। लांक गांव के बैसर के खिलाफ हत्या, लूट, डकैती के 11 मामले दर्ज हैं, वह मजदूरी कर रहा है। झिंझाना के 25 हजार के इनामी जुबेर पर 13 मामले और खंद्रावली गांव के बिलाल पर 14 से अधिक मामले दर्ज हैं। दोनों ही पुलिस गिरफ्त से बाहर है।
अक्तूबर 2015 को जब एसटीएफ ने मुकीम काला और साबिर जंधेड़ी को गिरफ्तार किया था, तब खुलासा हुआ था कि मुकीम काला गैंग ने गौतमबुद्धनगर के शातिर बदमाश अनिल दुजाना गैंग से हाथ मिला लिया और एके-47 खरीदी थी। तब मुकीम काला गैंग आठ लोगों की हत्या करने की फिराक में था।
मुस्तफा गैंग के सदस्य 15 हजार के इनामी जब्बार की तलाश में पुलिस ने बृहस्पतिवार को झिंझाना के अलीपुर में दबिश दी, मगर वह हाथ नहीं लग सका। पुलिस के अनुसार, जब्बार पर लूट के 25, चोरी और अन्य मामले दर्ज हैं। वर्ष 2018 से ही वह पुलिस की पकड़ से बाहर है। ग्रामीणों के अनुसार, जब्बार के पिता कपड़े बेचकर परिवार का पालन-पोषण करते थे, अपने बेटे की गलत हरकतों के कारण मानसिक तनाव से ग्रसित हो गए थे और अंतत: उनकी मृत्यु हो गई। जब्बार की मां आज भी गरीबी और लाचारी में जीवन बीता रही हैं। गांव वाले कहते हैं कि जब्बार ने वर्षों से अपने परिवार से कोई संपर्क नहीं किया और परिवार ने उससे रिश्ते तोड़ लिए हैं।