शामली। भारत सरकार की कचरा मुक्त शहर (गार्बेज फ्री सिटी) की वन स्टार रेटिंग के लिए नगरपालिका परिषद ने आवेदन किया था। पालिका के कचरा मुक्त शहर के लिए किए गए दावों की हकीकत परखने के लिए दिल्ली की पांच सदस्यीय टीम ने सर्वे किया। सर्वे कार्य पूरा करने के बाद टीम लौट गई।
स्वच्छ भारत मिशन में नगर निकायों में स्वच्छता सर्वेक्षण के बाद भारत सरकार की तरफ से रैकिंग जारी करती है। अब सरकार का फोकस शहरों को कचरा मुक्त बनाना है। इसके लिए सरकार ने कचरा मुक्त शहर के लिए स्टार रेटिंग की व्यवस्था लागू की है। मानकों के आधार पर पालिका को एक से सात स्टार तक के लिए आवेदन करना होता है। पिछले महीने अप्रैल में नगरपालिका परिषद शामली ने गार्बेज फ्री सिटी में वन स्टार के लिए आवेदन किया था। नगरपालिका ने वन स्टार के मानक पूरा होने का दावा किया था। पालिका ने दावा किया था कि शहर में कूड़ा कलेक्शन की डोर टू डोर व्यवस्था और एमआरएफ सेंटर आदि वे सभी व्यवस्थाएं हैं, जो गार्बेज फ्री सिटी के वन स्टार के मानक को पूरा करती है।
पालिका के दावों की हकीकत परखने के लिए दिल्ली से पांच सदस्यीय टीम सर्वे करने के लिए पहुंची। टीम ने शहर के वार्डों में पहुंचकर लोगों से बातचीत कर कूड़ा कलेक्शन, सफाई व्यवस्था, सड़कों की स्थिति, प्रकाश व्यवस्था आदि बिंदुओं पर जानकारी ली। उन्होंने भैंसवाल रोड पर निर्माणाधीन कूड़ा निस्तारण प्लांट और मोहल्ला पंसारियान में बनाए गए एमआरएफ सेंटर को देखा। शहर में सर्वेक्षण कार्य पूरा करने के बाद टीम लौट गई। नगरपालिका के अधिशासी अधिकारी सुरेंद्र सिंह ने बताया कि गार्बेज फ्री सिटी के लिए पिछले महीने वन स्टार रेटिंग के लिए आवेदन किया गया था। इसका सर्वे करने के लिए दिल्ली से टीम आने के बारे में जानकारी मिली है। सर्वे टीम अपनी रिपोर्ट भारत सरकार को देगी। इसके बाद स्टार रेटिंग का परिणाम जारी होगा।
गार्बेज फ्री सिटी के प्रमुख मानक
शत-प्रतिशत डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन की व्यवस्था होना।
वार्ड स्तर पर गीला-सूखा व हानिकारक मेडिकल वेस्ट का अलग-अलग कलेक्शन होना।
सार्वजनिक व व्यवसायिक क्षेत्रों में सफाई की अलग-अलग व्यवस्था
सूखे व गीले कूड़े के निस्तारण की अलग-अलग व्यवस्था होना।
सड़क, सफाई व प्रकाश की बेहतर व्यवस्था होना।