शामली. तेज धूप के चलते गन्ने की फसल सनबर्न का शिकार हो रही है। साथ ही टाप बोरर (चोटी बेधक) कीट का प्रकोप भी बढ़ रहा है। ऐसे में किसान परेशान हैं, क्योंकि बिजली कटौती से सिंचाई भी प्रभावित हो रही है। जिले में गत पेराई सत्र में गन्ने की फसल का रकबा 77247 हेक्टेयर था। आगामी पेराई सत्र के लिए सर्वेक्षण जारी है। कृषि विज्ञान केंद्र शामली के विज्ञानी डा. विकास मलिक ने बताया कि जून माह में तो ज्यादातर दिन का तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से अधिक है। तेज धूप के चलते गन्ने की फसल में पत्तियां ऊपर से सफेद होकर सूखने लगती हैं, जिसे सनबर्न कहते हैं। यह समस्या काफी बढ़ रही है। इसमें पौधे की बढ़वार कम होती है, जिसका असर सीधे-सीधे गन्ना उत्पादन पर पड़ता है। बिजली का संकट भी है तो ऐसे में सिंचाई भी प्रभावित हो रही है।

सनबर्न की समस्या से फसल को बचाने के लिए खेत में नमी बनाए रखना जरूरी है। डा. विकास मलिक ने बताया कि सनबर्न का प्रकोप हो तो सिंचाई करने के साथ ही एनपीके तरल का छिड़काव भी करें। एक लीटर एनपीके को 200 लीटर पानी में मिलाकर प्रति एकड़ की दर से छिड़काव करें। फसल में सूखे की स्थिति रहेगी तो चोटी बेधक कीट का प्रकोप भी बढ़ता है। फिलहाल चोटी बेधक का प्रकोप भी काफी बढ़ रहा है। इससे गन्ने के उत्पादन 15 से 20 प्रतिशत तक कम होता है। अगोले की कमी भी होती है। इसके नियंत्रण के लिए क्लोरेंट्रानिलीपरोल की 150 एमएल मात्रा 400 लीटर पानी में मिलाकर प्रति एकड़ की दर से पौधे के तने में धार बनाकर डालें। किसान परजीवी ट्राइकोग्रामा जापोनिकम का प्रयोग भी कर सकते हैं। परजीवी की 50 हजार संख्या प्रति हेक्टेयर की दर से फसल में छोड़नी चाहिए।

वहीं पोका बोइंग का प्रकोप अभी फसल में नहीं दिख रहा है। जिला गन्ना अधिकारी विजय बहादुर सिंह ने बताया कि गन्ना विभाग और चीनी मिलों के अधिकारी भी गांवों में जा रहे हैं और गन्ने की फसल को रोग-कीट आदि से बचाव के प्रति किसानों को जागरूक कर रहे हैं।