शामली। जिले की शामली, थानाभवन और ऊन चीनी मिल पर किसानों के पिछले सत्र के करीब 324.80 करोड़ रुपये बकाया है। इस सत्र में जिले की चीनी मिलें 51 लाख 27 हजार क्विंटल गन्ना खरीद चुकी हैं। पिछले सत्र के बकाया का भुगतान तो हुआ ही नहीं है, इस साल क्या भाव रहेगा, उसका भुगतान कब होगा, इसका भी पता नहीं है।
पिछले सत्र वर्ष 2021-22 मेें तीन करोड़ 32 लाख आठ हजार क्विटंल गन्ना खरीदा था, जिसका भुगतान 1151.65 करोड़ रुपये बना था। इसमें से 826.85 करोड़ रुपये भुगतान किसानों को कर दिया गया। शामली चीनी मिल ने गत 22 फरवरी 2022, ऊन चीनी मिल ने 20 मार्च 2022 और थानाभवन चीनी मिल ने 28 फरवरी 2022 तक भुगतान किया है। जिले की चीनी मिलों पर अभी भी 324.80 करोड़ रुपये बकाया है।
इसमें सबसे ज्यादा शामली चीनी मिल पर 149.68 करोड़ रुपये, थानाभवन चीनी मिल पर 123.58 करोड़ रुपये और ऊन चीनी मिल पर 51.53 करोड़ रुपये बकाया है। ऊन और थानाभवन चीनी मिल ने 31 दिसंबर व शामली चीनी मिल ने जनवरी माह तक संपूर्ण गन्ना भुगतान करने का वादा किया है। दिसंबर माह शुरू हो चुका है। जाहिर इस सत्र में खरीदे गए गन्ना मूल्य का भुगतान को इसके बाद होगा। एक माह में जिले की सभी चीनी मिल 51.27 लाख क्विटल गन्ना खरीद चुकी है। जिसमें शामली चीनी मिल 13.27 लाख क्विंटल, ऊन 13.4 लाख क्विंटल, थानाभवन चीनी मिल 24.96 लाख क्विंटल गन्ना खरीदा है। ऊन चीनी मिल के गन्ना महाप्रबंधक कुलदीप पिलानिया का कहना है 31 दिसंबर तक ऊन चीनी मिले पिछले सत्र का संपूर्ण गन्ना भुगतान कर देगी। डीसीओ विजय बहादुर सिह का कहना है कि पिछले सत्र का बकाया गन्ना भुगतान कराने जिले की चीनी मिलों पर दबाव बनाया जा रहा है।
41 हजार क्विंटल प्रतिदिन पेराई कर रही है शामली चीनी
शामली। जिले की चीनी मिलें पेराई क्षमता से कम पर गन्ना पेराई कर रही है। थानाभवन चीनी मिल 90 हजार क्विंटल पेराई क्षमता के सापेक्ष 86 हजार क्विंटल, ऊन चीनी मिल 72 हजार पेराई क्षमता के सापेक्ष 68 हजार क्विंटल पर गन्ना पेराई कर रही है। शामली चीनी मिल 75 हजार प्रति क्विंटल के सापेक्ष 41 हजार क्विटंल पर चल रही है। शामली चीनी मिल में सबसे ज्यादा बायलर खराबी और स्टीम का टरबाइन का ज्वाइंट पाइप फटने से प्रतिदिन क्षमता से 34 हजार क्विंटल कम क्षमता से चल रही है। शामली चीनी मिल दूसरी चीनी मिलों की अपेक्षा धीमी गति से चल रही है। शामली चीनी मिलों की पेराई क्षमता में सुधार नहीं हुआ तो चीनी मिल आगामी 15 मई के बाद तक पेराई सत्र जाने की संभावना है। शामली चीनी मिल के यूनिट हैड प्रदीप सल्लार अपना गन्ना पेराई सत्र पिछड़ने की बात कह रहे है। डीसीओ विजयबहाद़ुर सिंह का कहना है कि शामली चीनी मिल की पेराई क्षमता में सुधार नहीं हुआ तो उनके गन्ना खरीद केंद्र काटकर दूसरी चीनी मिलों को हस्तांरित करने की कार्रवाई की जाएगी।