शामली। अंतिम यात्रा सेवा समूह के सदस्यों ने करीब एक साल से ज्यादा समय से रखी अज्ञात 11 लोगों की अस्थियों को गंगा में विधिपूर्वक विसर्जन किया।
कोरोना काल के दौरान करीब दो साल पहले लावारिस व्यक्तियों के संस्कार हेतु समाजसेवी स्वर्गीय अजय संगल की प्रेरणा से और सिल्वर बेल्स परिवार के सदस्य अरुण बंसल निर्देशन में अंतिम यात्रा सेवा समूह का गठन किया गया था। इस समूह का गठन ऐसे समय में किया गया था, जब कोरोना पीड़ित की मौत होने पर उनके अंतिम संस्कार के लिए अपने लोगों ने भी मुंह मोड़ लिया था। उस समय से लावारिस शवों के अंतिम संस्कार करने का कार्य समूह द्वारा निरंतर किया जा रहा है। समूह का संचालन टीम मानस अजय संगल द्वारा किया जा रहा है।
समूह के सदस्य निशिकांत संगल ने बताया कि करीब एक साल से ज्यादा समय से लावारिस 11 व्यक्तियों की अस्थियां सुरक्षित रखी हुई थी। शुक्रवार को समूह के सदस्यों अस्थियों को हरिद्वार में हर की पौड़ी पर विधिवत रूप से धार्मिक अनुष्ठान के साथ गंगा में विसर्जित किया। सुबह श्मशान घाट धीमानपुरा रेलवे फाटक शामली पर अस्थियों के विसर्जन के लिए लोगों ने समूह के सदस्यों को हरिद्वार के लिए रवाना किया।
मौके पर अनिल गोयल, मानस संगल, अंकित गोयल, पंकज गुप्ता, राजीव, राहुल तायल, भूषण जिंदल, प्रदीप, निशिकांत संगल, प्रमोद वर्मा, सुनील उपाध्याय, रजत गोयल मौजूद रहे।