शामली। जिला अस्पताल की पैथोलोजी लैब में गंभीर रोगों के मरीजों की जांच की सुविधा उपलब्ध नहीं है। इसकी वजह ये है कि ऑटो एनलाइजर उपलब्ध नहीं है। अभी तक सिर्फ बुखार व रक्त संबंधी सामान्य जांच ही हो पा रही है। ऑटो एनलाइजर न होने से गंभीर रोगियों को प्राइवेट में महंगा शुल्क देकर जांच कराना पड़ रहा है।
जिला अस्पताल के चालू होने के तीन साल बाद भी मरीजों को उपचार व जांच की पर्याप्त सुविधा नहीं मिल रही है। अस्पताल में रोजाना एक हजार के करीब मरीज ओपीडी में उपचार कराने पहुंचते हैं। जिला अस्पताल की पैथोलोजी लैब में अभी तक सीबीसी, विडाल, मलेरिया, टायफाइड, हेपेटाइटिस बी व सी, एचआईवी, चिकनुनिया, डेंगू, ब्लड शुगर, यूरिन आदि की सामान्य जांच ही हो पा रही है। रोजाना लगभग 70 से 80 मरीजाें की जांच हो रही है।
गंभीर रोगों के मरीजों की जांच की सुविधा अभी तक उपलब्ध नहीं है। इसकी वजह ये है कि लैब में अभी तक ऑटो एनलाइजर नहीं है। जिस कारण मरीजों के किडनी, लीवर, लिपिड प्रोफाइल, हारमोन संबंधी, यूरिक एसिड, सीआरपी और बायोकेमेस्ट्री आदि जांच नहीं हो पा रही है। इस कारण जांच के लिए आने वाले मरीजों को मायूस होकर वापस जाना पड़ता है और प्राइवेट में महंगा शुल्क देकर जांच कराने को मजबूर होना पड़ रहा है।
कैराना निवासी शहजाद ने बताया कि डाक्टर ने उसके लीवर की समस्या बताई है। उसे लीवर की जांच कराने के लिए कहा गया है। जिला अस्पताल में आकर पता चला कि यहां लीवर संबंधी जांच नहीं होती।
झिंझाना निवासी संतोष ने बताया उसे गुर्दे की जांच कराने के लिए कहा गया है। जिला अस्पताल में इसलिए आई थी कि यहां पर जांच हो जाएगी, लेकिन यहां बताया गया कि इस तरह की जांच नहीं होती।
शामली निवासी रामपाल ने कहा कि उसका ब्लड प्रेशर बढ़ा हुआ है। चिकित्सक ने कोलेस्ट्राल आदि की जांच कराने के लिए कहा है। जिला अस्पताल में इस तरह की जांच न होना बताया है। अब उसे प्राइवेट में जांच करानी पड़ेगी।
पैथोलोजी लैब में अभी ऑटो एनलाइजर न होने के कारण लीवर व किडनी समेत कई तरह की जांच नहीं हो पा रही है। ऑटो एनलाइजर के लिए पहले भी शासन को मांग पत्र भेजा गया था। दो दिन पहले शासन को मांग पत्र भेजा गया है। ऑटो एनलाइजर आने पर मरीजों को सभी तरह की जांच की सुविधा उपलब्ध हो सकेगी।