मुजफ्फरनगर। जिले में किसानों को बेसिक सट्टे के आधार पर गन्ने की जो पर्चियां जारी हो रही है, गन्ना खेतों में उससे कहीं ज्यादा खड़ा है। गन्ना विभाग के सर्वे में ही लगभग 60 लाख क्विंटल गन्ना बेसिक सट्टे से अधिक है। चीनी मिलों में अतिरिक्त सट्टे की प्रक्रिया चल रही है। चार चीनी मिलों का अतिरिक्त सट्टा बढ़ा भी है।
जिले में गन्ने का इस बार बंपर उत्पादन हुआ है। गन्ना विभाग और चीनी मिलों ने बेसिक सट्टे के हिसाब से जितनी पैदावार की उम्मीद की थी, पैदावार उससे अधिक हुई है। अतिरिक्त गन्ने को लेकर किसान पर्चियों को लेकर परेशान है। गन्ना विभाग के दफ्तर पर किसानों की लाईन लगी रहती है।
डीसीओ आरडी द्विवेदी ने बताया कि चीनी मिल बुढाना को दस लाख छह हजार 377 क्विंटल गन्ने का अतिरिक्त सट्टा दिया गया है। मंसूरपुर को दस लाख 18 हजार 784 क्विंटल, रोहाना को नौ लाख दो हजार 29 क्विंटल, तितावी को छह लाख 92 हजार 490 क्विंटल अतिरिक्त सट्टा दिया गया है। अतिरिक्त गन्ने को देखते हुए शासन को टिकौला, खतौली और खाईखेडी का अतिरिक्त सट्टा बढ़ाने की मांग की गई है। इन चीनी मिलों का अतिरिक्त सट्टा बढ़ने से अतिरिक्त 60 लाख क्विंटल गन्ने की पेराई आसानी से हो जाएगी।
चीनी मिल बेसिक सट्टा गन्ना पेराई
बुढाना: 1.41 करोड़ क्विंटल 1.23 करोड़
मंसूरपुर: 1.56 करोड़ क्विंटल 1.19 करोड़
तितावी: 1.82 करोड़ क्विंटल 1.30 करोड़
रोहाना: 35 लाख क्विंटल 31 लाख
खाईखेडी: 76 लाख क्विंटल 57 लाख
खतौली: 2.54 करोड़ क्विंटल 1.80 करोड़
मोरना: 54 लाख क्विंटल 40 लाख
टिकौला: 188 करोड़ क्विंटल 1.39 करोड़
तीन चीनी मिलों ने पूर्ण भुगतान किया
जिले की तीन चीनी मिले 14 दिन पहले का इस सत्र का पूर्ण भुगतान कर चुकी है। डीसीओ आरडी द्विवेदी ने बताया कि इस सत्र का किसानों को 82 प्रतिशत भुगतान हो चुका है। किसान जिले में अब तक 28 अरब 45 करोड़ का गन्ना डाल चुके हैं। 14 दिन पहले का 25 अरब 81 करोड़ भुगतान होना था, जिसमें 21 अरब 31 करोड़ किसानों के खातो में जा चुका है। टिकौला चीनी मिल चार अप्रैल तक का, खतौली तीन अप्रैल तक का और मंसूरपुर एक अप्रैल तक का भुगतान कर चुकी है। केवल भैसाना ऐसी मिल है जिसने अभी केवल 23 नवंबर तक का भुगतान किया है। तितावी तीन मार्च, रोहाना 14 मार्च, खाईखेडी तीन मार्च, मोरना 17 जनवरी तक का भुगतान कर चुकी है।