शामली, कैराना। शामली में 10 साल पहले उत्तराखंड की युवती से सामूहिक दुष्कर्म के विरोध में भाजपाइयों द्वारा धरने के बाद हुए बवाल प्रकरण में पूर्व कैबिनेट मंत्री सुरेश राणा सहित तीन आरोपी कोर्ट में पेश हुए। कोर्ट में तीनों के बयान दर्ज कराए गए।

जून 2013 को शामली में हरिद्वार की एक युवती के साथ सामूहिक दुष्कर्म की वारदात सामने आई थी। वारदात को अंजाम देने का आरोप दूसरे संप्रदाय के युवकों पर लगा था। जिसे लेकर भाजपा नेताओं और हिंदू संगठनों से जुड़े लोगों में भारी आक्रोश फैल गया था। उस समय भाजपा विधायक हुकुम सिंह व सुरेश राणा सहित घनश्याम पार्चा तथा उनके भाई राधेश्याम पार्चा आदि शिव मूर्ति के निकट धरने पर बैठ गए थे। वह आरोपियों की गिरफ्तार की मांग कर रहे थे।

तत्कालीन एसपी अब्दुल हमीद ने लाठीचार्ज कराते हुए धरने को समाप्त करा दिया था। इसके बाद शामली में जमकर बवाल हुआ था। इसके बाद पुलिस की ओर से मुकदमा दर्ज करा दिया गया था। यह मामला कैराना स्थित कोर्ट में विचाराधीन चल रहा है। सोमवार को प्रदेश सरकार के पूर्व कैबिनेट मंत्री एवं भाजपा नेता सुरेश राणा, घनश्याम पार्चा व उनके भाई राधेश्याम पार्चा तारीख के चलते कोर्ट में हाजिर हुए। कोर्ट में तीनों के बयान दर्ज कराए गए। इसके बाद तीनों कोर्ट परिसर से चले गए। इस मामले में नामजद भाजपा नेता हुकुम सिंह की पूर्व में मौत हो चुकी है।