शामली। अपने ही भुगतान के लिए 95 दिनों तक धरने प्रदर्शन पर बैठे जिले के किसानों का आंदोलन तो समाप्त हो गया, लेकिन अब आंदोलन जिस तरह खत्म हुआ उसे लेकर किसान नेताओं में दरार दिखाई पड रही है। इस बीच मंगलवार से शुरु हो रहे विधानसभा सत्र में यह मामला गूंजेगा या नहीं, इसे लेकर भी अटकलें शुरु हो गई है।

संपूर्ण गन्ना भुगतान की मांग के मुददे पर किसानों का 95 दिन तक चला बेमियादी धरना समाप्त होने के बाद किसानों में रार शुरू हो गई है। एक तरफ धरना संयोजक संजीव शास्त्री ने धरना समाप्त करना किसान मजदूर हितों के लिए बताया है। दूसरी ओर कालखंडे खाप के चौधरी संजय कालखंडे ने संजीव शास्त्री पर आरोप लगाए हैं।

धरना समाप्त होने के बाद रविवार को धरना संयोजक संजीव शास्त्री ने लिलौन स्थित अपने आवास पर मीडिया के समक्ष पक्ष रखा। उन्होंने कहा विपक्ष के लोग शामली मिल पर धरना जारी रखकर विधानसभा सत्र में प्रदेश भाजपा सरकार को घेरने की रणनीति थी। धरना समाप्त होने के बाद विपक्ष की रणनीति विफल हो गई है।

अपने आवास पर मीडिया से रूबरू हुए संजीव शास्त्री ने कहा कि किसानों की वार्ता में शामली मिल मालिक ने हाथ जोड़कर कहा था कि फिलहाल उनके पास किसानों को बकाया भुगतान देने को नहीं है। शामली चीनी मिल चले तो चीनी बेचकर किसानों का भुगतान किया जाएगा। अगर मिल नहीं चली तो उसे बेचकर किसानों की पाई- पाई भुगतान किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि चीनी मिल को बंद नहीं कराना चाहते थे, इसलिए सभी की सहमति से किसानों और मजदूरों के हित को सोचकर शामली मिल चलने का निर्णय लिया गया और धरना खत्म किया गया है। मिल बंद रहती तो गन्ने का डायवर्जन होता और किसान मजदूर परेशान होते।

मिल के यूनिट हैड प्रदीप सल्लार के मामले में उन्होंने कहा कि वह उनके रिश्तेदार हैं, लेकिन उनके यहां आना जाना या बातचीत नहीं है। वह पहले भी शामली मिल में रह चुके हैं। यह मिल मालिक का अधिकार है कि वह किसकी नियुक्ति करे। यूनिट हैड सुशील चौधरी के नौकरी छोड़ दिए जाने के बाद प्रदीप सल्लार को उनके स्थान पर रखा गया है। यदि 14 दिन में गन्ना भुगतान नहीं दिया जाता है तो फिर शामली चीनी मिल में बेमियादी धरना दिया जाएगा।

उधर, कालखंडे खाप के बाबा संजय कालखंडे ने कहा कि धरना खत्म करने में खेल हुआ है। किसानों के साथ धोखा हुआ है। एक रिश्तेदार को मिल में नौकरी पर रखवा दिया है। किसानों के 50 करोड़ रुपये एक माह पूर्व एडीएम मिल से दिलाने को तैयार थे। उन्होंने कहा भगवान सुनता हो, किसानों के साथ धोखा देने वालों के कीड़े पड़ें।

शामली चीनी मिल के धरने में शामिल रहे आम आदमी पार्टी के जिलाध्यक्ष सोराम सिंह ने जारी बयान में कहा कि चीनी मिल मालिकान-किसानों और जिला प्रशासन के साथ हुए समझौते से किसान संतुष्ट नहीं हैं। समझौते के दौरान धरना संयोजक संजीव शास्त्री ने उनसे कोई सलाह नहीं ली है।