शामली। कोतवाली पुलिस 35 दिन पूर्व नगर के दो प्राचीन मंदिरों में हुई चोरी की घटनाओं का खुलासा करना शायद भूल गई है। वर्कआउट के लिए लगाई गई पुलिस की आठ टीमें शातिर चोरो तक पहुंचने में पूरी तरह नाकाम साबित हुई है।
गत 22 अगस्त को अज्ञात चोरों ने नगर के मराठाकालीन बाला सुंदरी देवी मंदिर में धावा बोलकर सोने-चांदी के छत्र व मुकुट चोरी कर लिए थे। इसके बाद 29 अगस्त को प्राचीन सिद्धपीठ बाबा बनखंडी महादेव मंदिर के कपाट के ताले तोड़कर चांदी का छत्र व शेषनाग चुरा लिया था। एक सप्ताह के अंतराल में कस्बे के दो प्राचीन मंदिरों में हुई चोरी की घटनाओं से नगर के श्रद्धालुओं एवं व्यापारियों में आक्रोश व्याप्त हो गया। इसके बाद आक्रोशित व्यापारी एवं श्रद्धालु पुलिस के खिलाफ नारेबाजी करते हुए कस्बे के चौक बाजार में धरने पर बैठ गए थे। बाद में राजनीतिक संगठनों के लोग भी धरने में शामिल हुए थे।
धरना-प्रदर्शन के तीसरे दिन मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन एडीएम को सौंपकर तीन दिन के अंदर चोरी की घटनाओं के खुलासे का अल्टीमेटम दिया गया, लेकिन अल्टीमेटम की समयावधि पूर्ण होने के बाद भी पुलिस के हाथ खाली रहे। मामले की गाज सीओ बिजेंद्र सिंह भड़ाना पर तबादले के रूप में गिरी और उनके स्थान पर अमरदीप मौर्य को कैराना सर्किल का नया पुलिस क्षेत्राधिकारी बनाया गया। मंदिरों में हुई चोरी की घटनाओं को रविवार को पूरे 35 दिन बीत गए। खुलासे के लिए लगाई गई पुलिस की आठ टीमें अभी तक चोरो को पकड़ने में पूरी तरह नाकाम साबित हुई है। चोरो तक पहुंचने में पुलिस की सांसें फूल रही है।
कोतवाली पर दर्जनों संदिग्ध लोगों से कड़ाई के साथ पूछताछ की जा चुकी है। हालांकि परिणाम अभी भी ढाक के वही तीन पात ही है। इस संबंध में कोतवाली प्रभारी निरीक्षक पंकज त्यागी का कहना है कि चोरी की घटनाओं के खुलासे के लिए पुलिस टीमें लगी हुई है। शीघ्र ही घटनाओं का राजफाश कर दिया जाएगा।