शामली। शामली में निलंबित कर्मचारी की जांच के लिए पहुंची टीम को बंधक बनाकर मारपीट के मामले में पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष और एमएलसी पुत्र मनीष चौहान शुक्रवार को थाने पहुंचे। उन्होंने पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए। जांच टीम में शामिल अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए। इस दौरान डीएम और एसपी से फोन पर वार्ता कर निष्पक्ष जांच की मांग की।

थाना क्षेत्र के गांव गढ़ी श्याम निवासी देवराज सिंह पशुपालन विभाग में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी है। लगभग आठ माह पूर्व ग्रामीणों की शिकायत पर देवराज सिंह को निलंबित कर दिया गया था। बुधवार को पशुपालन विभाग से डॉ. सुनील दत्त और डॉ. सुबोध कुमार गोयल कार चालक रवि सैनी के जांच करने के लिए गंगेरू के पशु चिकित्सालय पहुंचे थे।

आरोप है कि टीम पशु चिकित्सालय पहुंची तो देवराज ने अपने साथी कृष्ण पाल उर्फ काला पुत्र रघुवीर निवासी गांव खेड़ा कुर्तान और अपनी पत्नी सोनिया के साथ मिलकर चिकित्सकों की टीम को बंधक बना लिया। आरोप लगाया कि मारपीट करते हुए चिकित्सकों का एक मोबाइल भी जला दिया।

बताया गया कि सूचना पर पहुंची पुलिस ने चिकित्सकों की टीम को बंधन मुक्त कराया था। चिकित्सकों की टीम ने कृष्णपाल उर्फ काला के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया। इसके बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। जबकि अन्य आरोपी अभी फरार हैं।

वहीं इस मामले में शुक्रवार को पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष और एमएलसी वीरेंद्र सिंह के पुत्र मनीष चौहान कांधला थाने पहुंचे और पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए। मनीष चौहान का कहना है कि पुलिस की इस मामले में कार्रवाई निष्पक्ष नहीं हुई है। दूसरे पक्ष की तहरीर पर पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज नहीं की। इसके अलावा उन्होंने गंगेरु में जहरीला पदार्थ देकर मां-बेटी की हत्या के मामले में फरार आरोपियों की भी जल्द गिरफ्तार करने की मांग की।