शामली। 0238 गन्ना प्रजाति की फसल में लाल सड़न और रेड रॉट बीमारी आने का मामला कैराना क्षेत्र के मन्ना माजरा गांव में आया है। किसानों को गन्ने की 0238 गन्ना प्रजाति को बीमारी से बचाने के का कृष्रि वैज्ञानिकों ने सुझाव दिए हैं। इस गन्ना प्रजाति के स्थान पर किसानों को विकल्प के रूप में 15023,13235,14201,0118 और 8272 गन्ना प्रजाति बुआई करने का जोर दिया गया है।

पिछले बीस सालों से शामली, मुजफ्फरनगर, बागपत, मेरठ, बिजनौर, सहारनपुर समेत वेस्ट यूपी के जिलों में को0 0238 गन्ने की गन्ना प्रजाति प्रचालित हुई थी। इस गन्ना प्रजाति से किसानों और चीनी मिल मालिकों के लिए मुनाफा का सौदा साबित हुई थी। पिछले तीन चार सालों से इस गन्ना प्रजाति में लाल सड़न और रेड रॉट बीमारी का प्रकोप आजाने से किसान और कृषि वैज्ञानिक चिंतित हैं। पिछले तीन सालों से 0238 गन्ना प्रजाति के जनक और भारत सरकार से पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित डा बक्शीराम शामली और आसपास के जिलों के किसानों को 0238 गन्ना प्रजाति मे आए रेड रॉट और लाल सड़न बीमारी से बचाव के रूप किसानों को 0238 गन्ना प्रजाति के विकल्प के रूप को0 15023, कोशा 13235, को0 लखनऊ 14201,0118, 98014, 13231 और 8272, गन्ना प्रजाति के लिए बुआई के लिए जागरूक कर रहे हैं। पिछले सितंबर माह के आखिरी सप्ताह में 0238 गन्ना प्रजाति के जनक और भारत सरकार से पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित डा बक्शीराम ने शामली चीनीमिल क्षेत्र के निरीक्षण के आए थे। उनके निरीक्षणके दौरान कैराना क्षेत्र के मन्ना माजरा गांव में गन्ने के खेत में 0238 गन्ना प्रजाति में लाल सड़न और रेड रॉट बीमारी पाई गई थी। डा बक्शीराम ने बताया कि लाल सड़न शामली के कैराना के मन्ना माजरा गांव और हरियाणा के नारायण गढ़ जिले में लाल सड़न, रेड रॉट की बीमारियां मिली हैं। कृषि विज्ञान केंद्र जलालपुर के प्रभारी संदीप चौधरी ने लाल सडन रेड रॉट से बचाव के सुझाव दिए।