थानाभवन। बृहस्पतिवार शाम को यूक्रेन से घर लौटे कुतुबगढ़ निवासी वैभव शर्मा ने बताया कि कीव से कुतुबगढ़ का सफर तीन दिन में पूरा किया। कीव से वह करीब 22 हजार रुपये खर्च कर हंगरी पहुंचा। जहां से उसे भारत सरकार की मदद से दिल्ली लाया गया। उसने बताया कि तिरंगा झंडा देख सभी ने सहयोग किया। देश के झंडे के साथ हमें वहां जो सम्मान मिला, उससे वह गर्व महसूस कर रहे हैं। यूक्रेन में तिरंगे झंडे की ताकत का एहसास हुआ।

थानाभवन के कुतुबगढ़ गांव के रहने वाले विक्रांत भारद्वाज के पुत्र वैभव भारद्वाज बृहस्पतिवार की देर रात अपने गांव कुतुबगढ़ लौट आया। उसने बताया कि वह यूक्रेन के कीव शहर से बोकोमौलेट्स नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी से एमबीबीएस चौथे वर्ष की पढ़ाई कर रहा था। यूक्रेन में रूस के साथ बने युद्ध के हालात के बाद कुछ छात्रों ने फ्लाइट बुक कर भारत लौटना प्रारंभ कर दिया था। तब बहुत अधिक खर्च पर फ्लाइट बुक हो रही थी। युद्ध के बीच निकलना मुश्किल हो गया था। केंद्र सरकार से बातचीत के बाद रूस ने युद्ध को कुछ समय के लिए रोक दिया।

भारतीय झंडा साथ में होने से बॉर्डर पर भी उन्हें पूरा सहयोग मिला। भारतीय एंबेसी ने होटल, खाना व फ्री फ्लाइट दी, जिससे बहुत सहयोग मिला। वैभव ने बताया कि देश के झंडे का सम्मान जो उसे अन्य देशों में मिला है, उससे वह भारतीय होने में गर्व महसूस करते हैं। बताया कि उनके साथी जो कीव शहर में थे, उनकी जानकारी में वह सभी कीव से लौट आए हैं।