शामली। जिला ईंट निर्माता समिति का प्रतिनिधिमंडल मंगलवार को सांसद प्रदीप चौधरी से मिला और केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र चौधरी के नाम ज्ञापन उन्हें सौंपा। ईंट भट्ठा संचालकों ने ईंधन के रूप में कोयले के इस्तेमाल पर तत्काल रोक की बजाय इसे चरणबद्घ तरीके से बंद करने की अपील की।
समिति के अध्यक्ष भूपेंद्र मलिक ने कहा कि 2017 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर संचालकों ने अपने भट्ठों को जिगजैग तकनीक में परिवर्तित कराया था। जिसमें करीब 50 लाख का खर्च आया था। धन के अभाव में ज्यादातर भट्ठा संचालकों को अपना उद्योग बंद करना पड़ा था। अब कोयले के ईंधन के रूप में इस्तेमाल पर रोक से लगभग सभी भट्ठे बंद हो जाएंगे। जिससे हजारों मजदूर बेरोजगार हो जाएंगे। मध्यम वर्ग पर भी इसका प्रभाव पड़ेगा। ईंट महंगी होने पर मकान का निर्माण मुश्किल हो जाएगा। उन्होंने कहा कि कोयले का इस्तेमाल तत्काल बंद न किया जाए। इसे चरणबद्घ तरीके से कम किया जाए। इस मौके पर महामंत्री सुनील गोयल, कोषाध्यक्ष कृष्ण कुमार शर्मा, डॉ. योगेंद्र सिंह आदि मौजूद रहे।