शामली जनपद में बेसिक शिक्षा विभाग हमेशा सुर्खियों में रहा है। कांधला क्षेत्र के एक व्यक्ति ने बेसिक शिक्षा निदेशक व डीएम सहित करीब 30 से अधिक प्राइवेट व सरकारी स्कूलों में ईमेल भेजकर बीएसए को बदनाम करने की नीयत से चरित्र पर सवाल उठाया है। इससे क्षुब्ध बीएसए ने भी डीएम व एसपी से शिकायत कर इसकी जांच करने की मांग की है। उधर डीएम ने एडीएम को और एसपी ने पुलिस क्षेत्राधिकारी सहित साइबर सेल को जांच सौंपी है।
जानकारी के अनुसार कांधला क्षेत्र के एक व्यक्ति ने बीएसए राहुल मिश्रा के चरित्र पर सवाल उठाते हुए ईमेल के जरिए शिक्षा निदेशक, डीएम सहित शिक्षा विभाग के अन्य उच्चाधिकारियों से शिकायत की है। यहां तक कि ईमेल व व्हाट्सएप के जरिए बीएसए को भी इस मामले से अवगत कराया गया। शिक्षा विभाग के सूत्रों की मानें तो ईमेल में बीएसए पर बेसिक कार्यालय एवं व्यक्तिगत आवास को ऐशगाह, शिक्षकों के स्थानान्तरण के एवज में सुविधा शुल्क की वसूली सहित कई संगीन आरोप लगाते हुए जांच की मांग की है। इस तरह का मामला संज्ञान में आने पर बीएसए विभाग में खलबली मची हुई है। बीएसए राहुल मिश्रा ने इस मामले से डीएम जसजीत कौर, सीडीओ शंभूनाथ तिवारी व एसपी अभिषेक को अवगत कराया है। बीएसए विभाग में यह मामला चर्चाओं का विषय बना हुआ है। डीएम जसजीत कौर ने इसकी जांच एडीएम संतोष कुमार को सौंपी है। इस तरह की शिकायत होने की पुष्टि बीएसए राहुल मिश्रा ने भी की है। उन्होंने बताया कि विभागीय कार्यवाही में हस्तक्षेप एवं दवाब बनाने के लिए इस तरह की शिकायत की गई है। जिला प्रशासन से इसकी जांच कराकर संबंधित के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की गई है।
बीएसए ने एक ईमेल के जरिए व्यक्तिगत एवं विभागीय स्तर पर कई आरोप लगाने की शिकायत की है। ईमेल की आईडी आदि जांच के लिए साइबर सेल को जिम्मेदारी दी गई है। साथ ही सीओ शामली को जांच सौंपी गई है। जांच में जो भी मामला सामने आएगा, उसके आधार पर कार्यवाही की जाएगी।
बेसिक शिक्षा विभाग शामली वर्ष 2017-18 और 2021-2022 में भी फर्जीवाड़ा को लेकर सुर्खियों में रहा था। उस दौरान कनिष्ठ शिक्षकों को वरिष्ठ पद पर प्रोन्नत करने का मामला सामने आया था। तत्कालीन एसडीएम देवेंद्र कुमार शिक्षकों की फर्जी प्रोन्नत मामले की जांच में तत्कालीन बीएसए गीता वर्मा व चन्द्रशेखर के खिलाफ विभागीय कार्यवाही के लिए उच्चाधिकारियों को पत्र प्रेषित कर निलंबित करने की कार्यवाही की थी।