शामली। शारदा नदी का पानी पश्चिमी उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, गुजरात तक ले जाने के लिए जिले में शारदा यमुना लिंक नहर परियोजना का ड्रोन सर्वे शुरू हो गया है। ड्रोन सर्वे जिले के खानपुर, कुडाना समेत कई गांव में पूरा हो गया है। सर्वे के बाद जंगल में पिलर लगाने का कार्य चल रहा है।
नदियों को जोड़ने के लिए केंद्र सरकार द्वारा योजना चलाई जा रही है। राष्ट्रीय जल अभिकरण जल शक्ति मंत्रालय भारत सरकार की ओर से 28 फरवरी 2023 को शारदा-यमुना जोड़ नहर परियोजना का प्रारूप तैयार किया था और प्रारूप के तहत परियोजना का सर्वे कराने के लिए गत 27 अप्रैल 2023 के उत्तराखंड के प्रमुख व वन संरक्षक, वन जीव विभाग देहरादून को 28 मई को एक पत्र भेजकर निर्देश दिए थे। भारत सरकार के राष्ट्रीय जल विकास अभिकरण एवं जल शक्ति मंत्रालय के पत्र में साफ कहा गया है कि परियोजना के लिंक एलाइनमेंट के टोपोग्राफिकल के सर्वे का कार्य ड्रोन के माध्यम से कराया जाए।
शारदा यमुना साबरमती लिंक नहर परियोजना धरातल पर उतरने के बाद वेस्ट यूपी के शामली समेत कई प्रदेशों के किसानों को इसका लाभ मिलेगा और यहां के लिए जीवनदायिनी साबित होगी। यह नहर 600 मीटर चौड़ाई और 1835 लंबाई की होगी। मुजफ्फरनगर जिले से शुरू होते हुए शामली, बागपत होते हुए हरियाणा, राजस्थान और गुजरात तक ले जाए जाने की कार्य योजना है। परियोजना जिले की कृष्णा और कांधला और कैराना क्षेत्र की यमुना नदी को जोड़ते हुए गुजरात तक जाएगी।
राष्ट्रीय जल विकास अभिकरण लखनऊ के अधिशासी अभियंता राजीव कन्नौजिया ने पिछले दिनों डीएम शामली काे पत्र भेजकर ड्रोन सर्वे में एजेंसी का सहयोग करने का अनुरोध किया था। शारदा नदी को यमुना नदी में जोड़ने की महायोजना धरातल पर उतारने से शामली, बागपत, गाजियाबाद, दिल्ली, नोएडा, आगरा जैसे महानगरों को भी पीने के पानी की समस्या से निजात मिलेगी।
दिल्ली- देहरादून इकॉनामिक कोरिडोर एक्सप्रेसवे के किसान संघर्ष समिति के सचिव विदेश मलिक ने बताया कि शारदा यमुना लिंक नहर परियोजना के लिए खानपुर गांव में भी सर्वे के बाद सीमेंट के पिलर लगा दिए गए हैं। शारदा यमुना लिंक नहर की लंबाई 324 किलोमीटर और यमुना राजस्थान लिंक नहर की लंबाई 786 किलोमीटर होगी। गुजरात में साबरमती तक 75 किलोमीटर लंबाई होगी। नेपाल की शारदा नदी से लेकर साबरमती नदी तक लिंक नहर की लंबाई 1835 किलोमीटर होगी।