शामली। डीडीओ कार्यालय के लिपिक को 30 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार होने की गूंज लखनऊ तक पहुंच गई है। लखनऊ में ग्राम विकास आयुक्त जीएस प्रियदर्शी ने फोन पर सीडीओ से पूरे प्रकरण की जानकारी ली। उधर, पुलिस ने आरोपी लिपिक को एंटी करप्शन कोर्ट मेरठ में पेश किया, जहां से उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया। इस मामले में शहर कोतवाली में एंटी करपशन टीम के इंस्पेक्टर की तरफ से लिपिक और डीडीओ के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज हुई है।
सहारनपुर की एंटी करपशन टीम ने शनिवार को विकास भवन स्थित डीडीओ कार्यालय के लिपिक अक्षय कुमार को 30 हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया था। इस मामले की शिकायत भैंसवाल निवासी अश्वनी ने एंटी करपशन टीम से करते हुए बताया था कि उसकी गाड़ी का पांच माह का बिल बकाया था। उस बिल के भुगतान के लिए उससे 30 हजार रुपये की रिश्वत मांगी जा रही है। एंटी क्रप्शन सहारनपुर की टीम ने कार्रवाई करते हुए लिपिक को पकड़ा था। इस मामले में एंटी करपशन टीम में शामिल इंस्पेक्टर जसपाल सिंह की तरफ से शहर कोतवाली में लिपिक अक्षय कुमार और डीडीओ रजत यादव के विरुद्ध भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। रविवार को शहर कोतवाली पुलिस ने रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार हुए लिपिक अक्षय को मेरठ एंटी करपशन कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया। कोतवाली प्रभारी निरीक्षक ने बताया आरोपी लिपिक को मेरठ एंटी करपशन कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया। उन्होंने बताया कि मामले की विवेचना एंटी करपशन द्वारा ही की जाएगी। उधर, लखनऊ से ग्राम विकास आयुक्त जीएस प्रियदर्शी ने सीडीओ रंजीत सिंह ने पूरे प्रकरण की जानकारी ली। लखनऊ तक यह मामला पहुंचने पर इस प्रकरण में लिपिक पर निलंबन की कार्रवाई होना तय माना जा रहा है। इसके साथ ही डीडीओ के विरुद्ध भी रिपोर्ट दर्ज होने के कारण जल्द ही उनके खिलाफ भी विभागीय जांच और कार्रवाई हो सकती है।