शामली। बाबरी क्षेत्र में 24 दिसंबर को दिल्ली-देहरादून हाईवे कंपनी के निर्माण कार्य के दौरान गोगवान जलालपुर के जंगल से होकर गुजरने वाले रजबहे में छोटे पाइप डाल दिए थे। जिस कारण रजबहे का पानी कई किसानों की गेहूं, सरसों आदि फसलों में भर जाने पर सैकड़ों बीघा फसल बर्बाद हो गई थी। दो दिन बाद ही किसानों ने हाईवे का काम बंद कराकर मुआवजे की मांग की थी। उस दौरान उपजिलाधिकारी के आदेश पर नायब तहसीलदार एवं राजस्व विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर पानी से किसानों की बर्बाद फसल के मुआवजे को निर्माण कंपनी के ठेकेदार से दिलवाने का आश्वासन दिया था, लेकिन दो माह बीत जाने के बावजूद भी अब तक मुआवजे का वायदा पूरा नहीं हुआ।
नाराज किसानों ने मंगलवार को दिल्ली देहरादून इकॉनमिक कॉरिडोर हाईवे निर्माण कार्य को मौके पर पहुंचकर बंद करा दिया। सूचना पर बाबरी पुलिस भी मौके पर पहुंची। किसानों का आरोप है कि हल्का प्रभारी ने धरने पर बैठे किसानों को कार्य बाधित करने पर मुकदमा दर्ज करने की धमकी दी। किसानों का आरोप है कि उनकी फसल ठेकेदार की लापरवाही के कारण बर्बाद हुई थी। जिसका मुआवजे का आश्वासन मिला था, लेकिन अभी तक ना तो ठेकेदार ने उन्हें मुआवजा दिया है और न किसानों का फोन उठा रहा है।
जबकि जिला प्रशासन ने भी अभी तक कोई मदद नहीं की। मौके पर सदर नायब तहसीलदार रविंद्र कुमार पहुंचे और धरने पर बैठे किसानों व हाईवे निर्माण कंपनी के डिप्टी मैनेजर सोमपाल सिंह से वार्ता की। वहीं, हाईवे निर्माण कंपनी के डिप्टी मैनेजर सोमपाल सिंह ने दस दिनों में मुआवजा किसानों को देने पर सहमति जताई। इसके बाद ही हाईवे पर कार्य शुरू हुआ। इस दौरान सुबोध कुमार शर्मा, अमरपाल सिंह, नरेश शर्मा, जगमल शर्मा, इंद्रपाल, देवी सिंह किसान मौजूद रहे।