कैराना। एक दिन पूर्व हथिनीकुंड बैराज से छोड़े गए 2.81 लाख क्यूसेक पानी से यमुना नदी उफान आ गई। किनारे पर स्थित मंदिर पूरी तरह यमुना के पानी में समा गया। वही, निकटवर्ती गोशाला और आसपास के खेतों में भी यमुना का पानी घुस गया है। साथ ही, यमुना चेतावनी बिंदु को पार करती हुई खतरे के निशान के करीब पहुंच गई है। वहीं, प्रशासन और ड्रेनेज विभाग ने यमुना की निगरानी बढ़ा दी है।

पहाड़ी क्षेत्रों में पिछले कई दिनों से हो रही वर्षा के चलते रविवार रात हथिनीकुंड बैराज से यमुना नदी में अधिकतम 2.81 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया था। बैराज से छोड़े गए पानी के सोमवार देर रात कैराना पहुंचते ही यमुना उफान पर आ गई। इससे किनारे पर स्थित मंदिर पूरी तरह पानी में डूब गया है। इसके अलावा निकटवर्ती गौशाला में भी यमुना का पानी घुस आया है। खेतों में भी पानी भरने की सूचना है। कैराना में यमुना चेतावनी बिंदु को पार करती हुई 231.05 मीटर के सूचकांक पर बह रही है। यहां से खतरे का निशान महज 45 सेंटीमीटर ऊपर है। उधर, ड्रेनेज विभाग के जेई आशु कुमार ने बताया कि यमुना का बहाव 231.05 मीटर पर है।

यमुना का जलस्तर बढ़ने से सैकड़ों बीघा गन्ना एवं पशुओं के चारे की फसल बह गई जिससे ग्रामीणों की मुसीबत बढ़ गई है। कुछ फसल को ग्रामीणों ने बचा लिया है।

पहाड़ों में लगातार हो रही बारिश के बाद हथिनी कुंड बैराज से यमुना में पानी छोड़ा जा रहा है जिससे यमुना का जलस्तर बढ़ने के बाद लक्ष्मीपुरा, भड़ी, साल्हापुर, मंगलोरा, नाई नगला के किसानों की फसल यमुना के तेज बहाव में बह गई। किसानों का कहना है कि अधिकांश फसल गन्ना, पशुओं का चारा एवं धान की फसल यमुना में बह गई जिससे काफी नुकसान हुआ है। किसानों का कहना है कि पशुओं का चारा एवं गन्ने की कुछ फसल को तेज बहाव से बचा रहे हैं ताकि उसका इस्तेमाल किया जा सके।