शामली। खेड़ा कुरतान गांव के ग्राम प्रधान ग्राम सचिव की फर्जी मोहर लगाकर और हस्ताक्षर कर राशनकार्ड धारक 17 लोगों को अपात्र बताते हुए रिपोर्ट पूर्ति निरीक्षक कार्यालय को भेज दी गई। एक महिला राशन लेने के लिए पहुंची तो डीलर ने उसे अपात्र की सूची में होने की बात कहते हुए राशन देने से इनकार कर दिया। पीड़िता ने डीएम से मामले की शिकायत की। जांच में पता चला है कि किसी ने ग्राम प्रधान और ग्राम सचिव के फर्जी हस्ताक्षर और मोहर लगाकर रिपोर्ट अधिकारियों को भेजी है। डीएम के आदेश पर पूर्ति निरीक्षक ने मामले की जांच शुरू कर दी है।

गढ़ी श्याम गांव निवासी रेखा पत्नी सतीश ने डीएम से शिकायत करते हुए बताया कि उसका राशन कार्ड बना हुआ था। आरोप है कि धोखाधड़ी से कुछ समय पूर्व ही राशन कार्ड कटवा दिया गया। एक सूची खेड़ा कुरतान के ग्राम प्रधानए सचिव के फर्जी हस्ताक्षर और मोहर लगाकर पूर्ति कार्यालय को भेजी गईए जिसमें रेखा और 16 अन्य ग्रामीणों को अपात्र दर्शाया गया। रेखा का कहना है कि यदि वह अपात्र है तो उसके लिए गढ़ी श्याम गांव के प्रधान और सचिव को रिपोर्ट भेजनी चाहिए थी। मगर किसी ने फर्जीवाड़ा करते हुए उसका नाम खेड़ा कुरतान की लिस्ट में जोड़ते हुए रिपोर्ट पूर्ति कार्यालय को भेजी। जबकि ग्राम प्रधान और सचिव ने रेखा और अन्य की रिपोर्ट नहीं भेजने की बात कहीं है। डीएम ने मामले को गंभीर से लेते हुए मामले की जांच पूर्ति निरीक्षक को सौंप दी है। पूर्ति निरीक्षक दीपा वर्मा का कहना है कि दो दिन पूर्व ही महिला रेखा ने धोखाधड़ी की शिकायत की है। जांच की जा रही है। जांच के बाद ही इस मामले में आगे की कार्रवाई की जा सकेगी।

खेड़ा कुरतान गांव के प्रधान नौशाद अली ने कहा कि किसी ने राशन कार्ड धारकों की फर्जी रिपोर्ट पूर्ति कार्यालय में मेरे और सचिव के हस्ताक्षर कर भेजी है। हस्ताक्षर या मोहर से मेरा कोई लेना देना नहीं है। इस मामले में उच्च स्तरीय जांच कराकर कार्रवाई होनी चाहिए इस बारे में राशन डीलर सोनू का कहना है कि फर्जी सूची भेजने के मामले की जानकारी नहीं है। ग्राम प्रधान और सचिव के हस्ताक्षर और मोहर लगाने की भी जानकारी नहीं है। मेरी तरफ से कोई सूची नहीं भेजी गई है। किसी ने फर्जीवाड़ा किया है तो उस पर कार्रवाई होनी चाहिए।

राशन कार्ड धारकों की सूची भेजने का मामला जानकारी में आया है। जांच कराकर फर्जीवाड़ा करने वाले के खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। मामले की जांच विभागीय अधिकारियों को सौंपी गई है।